बिनु ‘रेता’ सब सून

बिनु ‘रेता’ सब सून

लुका-छिपी के बीच चल रहा कारोबार, ठप्प पड़ा निर्माण और विकास का काम

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले मे रेत का ठेका खत्म हुए करीब 5 महीने बीत चुके हैं, इसके बाद भी खनिज विभाग नई टेण्डर प्रक्रिया को अंजाम तक नहीं पहुंचा सका है। इसकी वजह से निजी और शासकीय निर्माण कार्य ठप्प पड़ गये हैं। अब खबर लग रही है कि स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन द्वारा दोबारा बुलाई गई निविदा के तहत जिले की खदानो की बोली करीब 45 करोड़ रूपये मे किसी कटनी की कम्पनी ने लगाई थी, जो स्वीकृत हो गई है, परंतु अभी कागजी कार्यवाही होना बाकी है। इससे पहले जून-जुलाई मे टेण्डर हुए थे, जिसमे रेत का ठेका विस्टा नामक कम्पनी को मिला था। सूत्र बताते हैं कि मूल्य ज्यादा महसूस होने के कारण विस्टा द्वारा विभाग के सांथ एग्रीमेंट साईन नहीं किया जिसके कारण विभाग को फिर से टेण्डर बुलाना पड़ा। उल्लेखनीय है कि जिले मे रेत का ठेका 30 जून 2023 को समाप्त हो चुका है। जबकि भण्डारण की अनुमति 30 सितंबर तक ही थी।

लग चुकी करोड़ों की चपत
सरकारी रेत खदानो से सप्लाई बंद होने के चलते निर्माण सेक्टर पूरी तरह से चोरी के माल पर आश्रित हो गया है। हलांकि रेत माफिया यहां-वहां से खनन कर माल की आपूर्ति कर रहे हैं, लेकिन इस काम मे वाहनो के जब्त होने का खतरा बना रहता है। कार्यवाही से बचने के चक्कर मे आये दिन रेत माफियाओं की मुठभेड़ खनिज, राजस्व और पुलिस महकमे के सांथ हो रही है। हाल ही मे ऐसी ही मुहिम के दौरान शहडोल जिले के एक पटवारी को अपनी जान से हांथ धोना पड़ा था। दूसरी ओर छोटे-मोटे कारोबारी शासकीय अमले की मिली-भगत या लुका-छिपी से रेत की आपूर्ति कर रहे हैं। इससे लोगों को पर्याप्त सप्लाई नहीं मिल पा रही है। जानकारों का मानना है कि रेत के टेण्डर मे हुई देरी की वजह से शासन को अब तक करोड़ों की चपत लग चुकी है।

कारोबार मंद, मजदूर बेरोजगार
रेत नहीं मिलने के कारण निजी, शासकीय और पंचायतों मे निरंतर चलने वाले निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। गवर्नमेंट कांट्रेक्टरों का कहना है कि कार्यादेश मे ठेके की अवधि का समय निर्धारित रहता है। रेत नहीं मिलने से जहां उन्हे बैठे ठाले मजदूरी देनी पड़ रही है, वहीं काम मे देरी के चलते भुगतान फंस गया है। दूसरी ओर निर्माण कार्य ठप्प होने से लोगों को मजदूरी भी नहीं मिल रही। इसका असर कारोबार पर भी दिखाई देता है। व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोग बताते हैं कि निर्माण सेक्टर ही बाजार की चाल तय करता है। विशेषकर सरकारी योजनाओं से कारोबार मे उछाल आती है। विधानसभा चुनाव के कारण करीब दो महीनो से सरकारी निर्माण पूरी तरह बंद रहे, अब जबकि उनके शुरू होने का समय है, तो रेत की कमी इसमे आड़े आ रही है।

नये साल मे जारी होगा आदेश
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि जिले मे दोबारा हुई टेण्डर प्रक्रिया के अंतर्गत 13 दिसंबर 2023 को रेत खदानों का ठेका हो गया है। स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन के सांथ कम्पनी का एग्रीमेंट फाईनल होते ही रेत की खदाने शुरू हो जायेंगी। उन्होने अनुमान जताया है कि नये वर्ष के पहले सप्ताह तक कार्य आदेश जारी हो जायेगा।

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