एक पखवाड़े मे पेट्रोल 2.84 और डीजल 3.70 रूपये हुआ मंहगा
उमरिया। कुछ दिन शांत रहने के बाद पेट्रोल और डीजल के दामो मे बढ़ोत्तरी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। इसके लिये पेट्रोलियम कम्पनियों ने अपना पुराना तरीका अपनाया है, याने धीरे-धीरे और लगातार दामो मे वृद्धि। इसी जुगाड़ का नतीजा है कि बीते करीब 15-20 दिनो मे पेट्रोल की कीमत 2 रूपये 84 पैसे तथा डीजल के दाम 3 रूपये 70 पैसे प्रति लीटर बढ़ गये और किसी को पता भी नहीं चला। हलांकि मध्यम वर्ग के लोग, जो आमतौर 50 या 100 रूपये का पेट्रोल भरवा कर अपना काम चलाते हैं, उन्हे इस बात का एहसास होने लगा है। पेट्रोल और डीजल के दामों मे हो रही बेतहाशा मूल्यवृद्धि ने कोरोना के सांथ आर्थिक संकट से जूझ रहे आम आदमी की जेब को खोखला बनाने का काम किया है।
पेट्रोलियम पर भारी टेक्स
पेट्रोलियम पदार्थो पर केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाई गई विभिन्न प्रकार की टेक्स की वजह से भारत मे इसके दाम दुनिया के कई देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं। जानकारों के मुताबिक पेट्रोल और डीजल पर शिक्षा, सड़क और भूकंप उपकर से लेकर अनेक प्रकार के सेस भी लगाये गये हैं। सांथ ही दोनो पर लगभग 23 से 33 प्रतिशत वैट भी वसूली जा रही है। एक अनुमान के जनता से एक लीटर पेट्रोल पर लगभग 35 रूपये जबकि डीजल पर 25 रूपये के आसपास टेक्स वसूला जा रहा है।
और बढ़ेगा यात्री किराया
पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढऩे से जहां यात्री भाड़ा तथा रोजमर्रा उपयोग मे आने वाली वस्तुओं की ट्रासपोर्टिग मंहगी होगी वहीं टेक्सियों का किराया भी बढ़ जायेगा। उल्लेखीय है कि कोरोना के चलते ट्रेने बंद होने से लोग अपने साधनो से आवागमन कर रहे हैं, इसमे बड़े पैमाने पर प्रायवेट टेक्सियों का उपयोग हो रहा है। इन साधनो पर मूल्यवृद्धि का व्यापक असर देखने को मिलेगा।
बिना शोर के बढ़ गये ईधन के दाम
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