बिजली संबंधी लंबित प्रकरणों के निपटारे का सुनहरा अवसर

नेशनल लोक अदालत 10 को, 16 प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज पर मिलेगी छूट
बिजली संबंधी लंबित प्रकरणों के निपटारे का सुनहरा अवसर
उमरिया। आगामी 10 जुलाई को जिला न्यायालय परिसर मे नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता एलके नामदेव ने बताया कि लोक अदालत मे विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 और 138 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा लोक अदालत के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने हैं। लोक अदालत मे निराकरण किए जाने हेतु विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 व 138 के न्यायालयों मे लंबित प्रकरण एवं जो न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं, ऐसे प्रकरणों के त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाए गए ऐसे प्रकरण जिनमे उपभोक्ता द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति या अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, का प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैरघरेलू तथा 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।
इस तरह मिलेगी छूट
कार्यपालक अभियंता श्री नामदेव द्वारा बताया गया कि प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान मे चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश 126 के प्रकरणों मे अंतिम निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसी प्रकार लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत तथा आंकलित राशि के भुगतान चूक किए जाने पर निर्धारित आदेश 126 के प्रकरणों मे अंतिम निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी
करना होगा एकमुश्त भुगतान
उपरोक्त अनुसार छूट मे निर्धारित नियम व शर्तों के तहत आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन ना होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व मे विच्छेदित प्रयोजनों के विरुद्ध बकाया राशि होने पर पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
ये नहीं होंगे रियायत के पात्र
नेशनल लोक अदालत मे छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी, अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति मे ही दी जाएगी। विद्युत चोरी, अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों मे पूर्व की लोक अदालत, अदालतों मे छूट प्राप्त किए उपभोक्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह छूट मात्र नेशनल अदालत मे समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जाएगी।

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One thought on “बिजली संबंधी लंबित प्रकरणों के निपटारे का सुनहरा अवसर

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