बारहसिंघों को लेकर ‘बारह तरह’ की बातें

बांधवगढ़ के अधिकारियों की गलत बयानी ने बढ़ाया कन्फ्यूजन, मजाक बनी शिफ्टिंग
बांधवभूमि, उमरिया
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा कान्हा से लाये जाने वाले बारहसिंघों की शिफ्टिंग को लेकर बारह तरह की बातें करने से कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। अभी तक किसी को भी यह समझ नहीं आ रहा है दरअसल मामला है क्या। सबसे पहले शुक्रवार की सुबह उद्यान के अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी कि कान्हा से आठ बारहसिंघा बांधवगढ़ लाये जा रहे हैं। रात होते-होते क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने पूरा बयान ही पलट दिया। उन्होने बताया कि अधिकारियों की टीम मार्ग तथा अन्य परिस्थितियों का अवलोकन करने कान्हा गई है। उनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने तथा रिपोर्ट देने के बाद ही आपरेशन शुरू किया जायेगा। इससे ठीक पहले आपरेशन दल का नेतृत्व कर रहे सुधीर मिश्रा ने कह दिया कि आठ बारहसिंघा के बांधवगढ़ पहुंचने का समाचार त्रुटिवश जारी हो गया था और अभी ऐसी कोई कार्यवाही ही नहीं हो रही है।
उड़ती रही अफवाहें
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार की सुबह कान्हा से बारहसिंघों को कैप्चर करने के बाद दोपहर 12 बजे वहां से बांधवगढ़ के टीम की वापसी तय हुई थी। जिसके यहां शाम पांच बजे तक पहुंचने की संभावना थी। शाम सात बजे तक टीम का कुछ पता नहीं था। इस बीच यह भी खबर उड़ी कि रास्ते मे बारहसिंघों की मौत हो गई। जिसके कारण अधिकारी रास्ते से ही वापस लौट गये हैं। जिसके बाद अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर किसी ने भी फोन नहीं उठाया।
क्या यह है असली मामला
जानकारों का दावा है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले चरण मे कान्हा से 25 बारहसिंघों को लाने की योजना तय की थी, लेकिन बांधवगढ़ की टीम महज 8 बारहसिंघो को लेकर रवाना हो गई। इसी बीच पीसीसीएफ जेएस चौहान कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंच गए। जब उन्हे पता चला कि कान्हा से 25 की बजाय आठ बारहसिंगा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ले जाये गये हैं तो उन्होंने काफी नाराजगी जताई। सांथ ही बांधवगढ़ की टीम को वापस कान्हा आने के लिए कहा। पीसीसीएफ के निर्देश पर बांधवगढ़ के अधिकारियों को निवास से वापस कान्हा लौटना पड़ा।
कमाई का जरिया बना बारहसिंघा प्रोजेक्ट
सूत्रों के मुताबिक बारहसिंघा प्रोजेक्ट बांधवगढ़ के अधिकारियों के लिये कमाई का जरिया बन गया है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि इसमे करोड़ों रूपये का वारा-न्यारा हुआ है। बारहसिंघों को रखने के लिए मगधी के बहेरहा मे पचास हेक्टेयर जमीन पर बाड़ा तैयार किया गया है। इस निर्माण को लेकर वन विभाग के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे थे। सांथ ही इसकी गुणवत्ता और पूर्णता सवालों के घेरे मे है। कहा जाता है कि पूर्व मे बने बाड़े के एक हिस्से को नया बता कर लाखों रूपये की बंदरबांट की गई है।

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