बापू के विचारों से अस्पृश्यता निवारण संभव:श्री मरावी

गांधी जंयती के सुअवसर पर अस्पृश्यता निवारण सह सद्भावना शिविर सम्पन्न
शहडोल। बापू के विचारों से ही समाज से अस्पृश्यता हटाकर सद्भावना लाई जा सकती है। देश और समाज से सामाजिक भिन्नताएं दूर करने के साथ-साथ समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को सबको  उनके अधिकारों से परिचित कराना, उनके अधिकारों को दिलवाना एवं साफ सुथरा एवं स्वच्छ समाज की स्थापना करना हम सबका दायित्व है।  स्वच्छ भारत  एवं सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी को मिल जुलकर प्रयास करना होगा जिससे समाज में सद्भावना एवं भाईचारा स्थापित  हो और जनहितकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंच सकें।  उक्त उद्बोधन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक जयसिंहनगर जयसिंह मरावी ने आज गांधी जंयती के अवसर पर स्थानीय पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास मेढ़ीटोला विचारपुर में  आयोजित अस्पृश्यता निवारण शिविर में दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन  एवं माल्यार्पण तथा कन्या पूजन के साथ किया गया।  कार्यक्रम को सम्बोंधित करते हुए विधायक ब्यौहारी  शरद कोल ने कहा कि, कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका मिलकर गांधी के सपनों को साकार करें  और ऐसा प्रयास किया जाए कि समाज में  सद्भावना स्थापित हो, भाईचारा कायम रहे और हमारा देश, हमारा समाज सामाजिक मूल्यों के स्वच्छता का अनुकरणीय उदाहरण बन सके और सभी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो, जन-जन तक शासन की जनहितकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे जिससे सभी विकास की गाथा गढ़ सकें।।
         कार्यक्रम को सम्बोंधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने कहा कि, बापू के सपनों को हम सबको मिलकर सवारना है और उनके द्वारा जो  अस्पृश्यता मुक्त स्वच्छ समाज एवं विकास के मार्ग में चलने वाले समाज की कल्पना की गई थी उसको साकार करने का हम सब का दायित्व है। कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह वैज्ञानिक द्वारा किये गए प्रयोग का फल हमारे देश और समाज को मिलता है उसी तरह हम सब मिलकर  जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को पहुंचाकर उसको विकास की मुख्य धारा से जोड़कर उसे आत्मनिर्भर बनाना होगा।  कलेक्टर ने कहा कि, समाज में कन्य का बढाना, पढाना तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाना हम सबका  दायित्व है।  अपने दायित्वों का निर्वहन हम सबको मिलकर करना होगा तभी हमारा समाज अस्पृश्यतारहित भाईचारायुक्त हो सकें।
   कार्यक्रम में एडीजे अनूप त्रिपाठी ने कहा कि, इस शिविर में  कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका तीनांे का संगम है और समाज कल्याण तथा लोंगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा उन्हें उनके अधिकारों को दिलवाने का दायित्व हम सभी का है, इसके लिए  देश में विभिन्न स्तरों पर विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है जिसका मुख्य उददेश्य लोंगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें निशुल्क सलाह देना तथा उनके अधिकारों को पाने में उनकी मदद करना है। कार्यक्रम को समाजसेवी कमलप्रताप सिंह ने भी सम्बोधित किया और आदिम जाति कल्याण विभाग की जनहितकारी योजनाओं के बारे में लोगों को समझाया। कार्यक्रम में  सामाजिक कल्याण विभाग के कलापथक दल द्वारा नशामुक्ति पर आधारित जागो-जागों नौजवानों, नशा मुक्त हो मेरा देश का गायन प्रस्तुत किया। अस्पृश्यता निवारण शिविर कार्यक्रम में अस्पश्यता स्थापित करने तथा समाज में सद्भावना के लिए सहभोज का भी आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश बीएल प्रजापति, जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र मिश्रा, सरपंच विचारपुर शीतल टेकाम, समाजसेवी अनिल द्विवेदी, धर्मेन्द्र सिंह मीनू,  मनोज सिंह आर्माे,  शीतल पोद्दार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य, जिला शिक्षा अधिकारी रणमत सिंह, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण रणजीत सिंह धुर्वे, डीपीसी डॉ0 मदन त्रिपाठी सहित ग्रामीण उपस्थित थें।
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