बादलों ने 8 डिग्री लुढ़काया पारा
ठण्ड से फिलहाल मिली राहत, दिन का तापमान बढ़ कर हुआ 25 डिग्री
उमरिया। अरब सागर के पास बने सिस्टम तथा राजस्थान के समीप ऊपरी हवा के चक्रवात से मौसम मे आये परिवर्तन का असर जिले मे भी देखने को मिल रहा है। बीते करीब तीन दिनो से आसमान मे बादल छाये हुए हैं। जिससे तापमान मे भारी गिरावट आई है। इस दौरान कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो रही है। बादलों के कारण न्यूनतम तापमान मे 8 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि अधिकतम तापमान 2 डिग्री कम हुआ है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कल जिले का न्यूनतम तापमान 7 से 8 डिग्री के बीच रहा, वहीं अधिकतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया। करीब एक सप्ताह पहले रात और सुबह का पारा 7 पर जा पहुंचा था वहीं दिन मे यह 28 डिग्री रहा। इस तरह से लोगों को कड़ाके की सर्दी से फिलहाल राहत मिली है। हलांकि हवाओं के चलने से ठिठुरन महसूस की जा रही है।
तेज हो सकता कोरोना का संक्रमण
अचानक मौसम मे आये बदलाव के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान वायरल संक्रमण, सर्दी, खांसी, बुखार के रोगियों की संख्या मे इजाफा हुआ है। जानकारों का मत है कि तापमान घटने से कोरोना मे तेजी आ सकती है। जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डा. बीके प्रजापति ने नागरिकों से बारिश और ठण्ड से बचने की सलाह दी है।
कहीं नुकसान तो कहीं फायदा
बारिश का यह दौर जहां स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा कर रहा है, वहीं फसलों के लिहाज से भी इसके अलग-अलग प्रभाव पड़ रहे हैं। रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं और मक्का के लिये यह वातावरण अनुकूल है जबकि चना और मूंग जैसी फंसलों को इससे काफी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा खेतों मे इल्लियों के पनपने मे यह मौसम सहायक सिद्ध हो रहा है।
खुले मे पड़ा क्विंटलों धान
बारिश के कारण उपार्जन केन्द्रों व बाहर खुले मे पड़ी धान पर खतरा मंडराने लगा है। डीएम नान एसडी विरहा ने बताया कि जिले मे अब तक 1 लाख 86 हजार टन धान की खरीदी हुई है, जिसमे से 75 प्रतिशत माल गोदामो मे पहुंच चुका है। जो धान बाहर है उनमे से अधिकांश के उठाव की जिम्मेदारी समितियों की है। जानकारी के मुताबिक अभी भी काफी धान खुले मे रखी हुई है, जो बरसात मे खराब हो सकती है।
दो-तीन बाद सुधरेगा मौसम
मौसम विभाग ने अभी दो-तीन मौसम का यही रूख जारी रहने की संभावना जताई है। उनके अनुसार अरब सागर मे बने सिस्टम और राजस्थान के पास निर्मित चक्रवात के चलते इसका प्रभाव अभी दो-तीन दिन बना रहेगा। जैसे ही मौसम साफ होगा, कड़कड़ाती ठण्ड एक बार फिर से वापसी करेगी।