बांधवगढ टाईगर रिजर्व और वाईल्ड लाईफ क्राईम की टीम ने दबोचे तीन आरोपी
उमरिया/रामाभिलाष त्रिपाठी। शहडोल दक्षिण क्षेत्र अंतर्गत गोहपारू रेंज मे करीब तीन महीने पहले करंट लगा कर बाघ का शिकार करने वाले तीन तस्करों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया तथा वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो जबलपुर की संयुक्त कार्रवाई मे आरोपियों को शहडोल जिले के सरसी गांव से दबोचा। तीनो आरोपी बाघ के अंग बेचने के लिए गांव के मंदिर पहुंचे थे। आरोपियों के पास से बाघ का शरीर, सड़ी खाल, चार दांत, 10 नाखून तथा मूंछ के बाल जब्त किए गए। इनके विरूद्ध शहडोल जिले के गोहपारू रेंज मे वन्य जीव निरोधक प्रोटेक्शन 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कराया गया है।
ग्रांहक बन कर की बातचीत
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विंसेंन्ट रहीम ने बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि गोहपारू रेंज मे तीन महीने पहले करंट लगा कर बाघ का शिकार किया गया है, तथा आरोपी बाघ के अंगों को बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे हैं। इस सूचना पर टीम गठित कर उसे शहडोल रवाना किया गया। जहां टीम के सदस्यों द्वारा आरोपियों से ग्राहक बन कर बातचीत की।
मंदिर मे होना था सौदा
बातचीत के बाद तस्करों ने खरीददार बने विभाग के लोगों को सरसी गांव के बाहर मंदिर के पास सौदा तय करने के लिए बुलाया। रणनीति के तहत टीम पहले ही वहां पहुंच गई। बोरी मे बाघ के अंग लेकर पहुंचे तीनों तस्करों को टीम ने दबोच लिया। गिरफ्त मे आये तस्करों मे दो सरसी गांव निवासी विनोद व रघुवीर चौधरी और तीसरा चोरमरा गांव निवासी संतोष चौधरी है। पूछताछ मे पता चला कि संतोष का एक भाई पूर्व मे भालू के शिकार मे पकड़ा जा चुका है।
घटनास्थल पर ले गई टीम
बताया गया है कि विभागीय टीम अब आरोपियों द्वारा पूर्व मे कारित अन्य अपराधों की जानकारी खंगालने मे जुट गई है। पकड़े गये लोगों ने कबूल किया है कि तीन माह पूर्व करंट लगाकर बाघ का शिकार कर उसके शव को जमीन मे दबा दिया गया था। जिस पर टीम ने घटनास्थल पर जाकर बाघ के अवशेष जब्त कर लिये हैं।
बाघ की खाल और नाखून बेंचते पकडे गये शिकारी
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