बाइडन का बड़ा फैसला, भारतीय मूल के विवेक मूर्ति बने कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष

वर्ल्ड डेस्क, बंधवभूमि, वॉशिंगटन

अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद जो बाइडन ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक मूर्ति को कोविड-19 सलाहकार बोर्ड के तीन अध्यक्षों में से एक के रूप में चुना गया है। यह बोर्ड महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित जो बाइडन को सलाह देगा। बता दें कि कोरोना की वजह से अब तक अमेरिका में 2,36,000 लोगों की जान जा चुकी है।

बता दें कि डॉ. मूर्ति पूर्व में अमेरिका के ‘सर्जन जनरल’ रह चुके हैं। वह अपने दो अन्य सह-अध्यक्षों के साथ घातक विषाणु पर बाइडन और उपराष्ट्रपति-निर्वाचित कमला हैरिस को सलाह देने वाले अग्रणी जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम का नेतृत्व करेंगे।
अमेरिका इस समय दुनिया में कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। बाइडन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटना हमारे प्रशासन के समक्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण लड़ाइयों में से एक होगा, और विशेषज्ञ मुझे सलाह देंगे। मूर्ति अमेरिका के 19वें ‘सर्जन जनरल’ थे। उन्होंने 2014 से 2017 तक इस पद पर कार्य किया।

मूल रूप से कर्नाटक से संबंध रखने वाले मूर्ति (43) को 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका का 19वां सर्जन जनरल नियुक्त किया था। ब्रिटेन में जन्मे मूर्ति 37 साल की उम्र में यह जिम्मेदारी संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। बाद में ट्रंप प्रशासन के दौरान उन्हें उस पद से हटा दिया गया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बाइ़डन विशेषज्ञों के साथ अपनी बातचीत का अक्सर जिक्र करते हैं, और डॉ. मूर्ति और डॉ. केसलर दो सबसे प्रमुख व्यक्ति हैं, जिनकी सलाह उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के दौरान मांगी है। बता दें कि शनिवार को अमेरिकी चुनाव के अंतिम परिणाम आ गए थे। जो बाइडन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने गए हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन ने 290 इलेक्टोरल वोट हासिल किए वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 214 वोट मिले।

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