राष्ट्रीय ग्रोथ मे सबसे बड़ा योगदान, बेहतर प्रबंधन से मिली उपलब्धि
बांधवभूमि, उमरिया
राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे निरंतर बढ़ रही बाघों की तादाद से प्रबंधन और वन्य जीव प्रेमियों की बाछें खिल गई हैं। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान मे यहां चिन्हित वयस्क बाघों की संख्या 150 से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा 25 से अधिक ऐसे टाईगर हैं, जिनके एक तरफ के फोटोग्राफ लिये जा सके हैं। यदि इनमे से आधे की भी मौजूदगी मान ली जाय तो, यह आंकड़ा 165 के आसपास पहुंच जाता है। वहीं उद्यान क्षेत्र मे करीब 35 से ऊपर शावक भी हैं। हलांकि गिनती मे केवल वयस्क बाघों को ही लिया जाता है। जिले के विभिन्न स्थानो मे दिख रहा बाघों का मूवमेंट अधिकारियों के इन दावों की पुष्टि कर रहा है।
सबसे तेज वंशवृद्धि
बीते दिनो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कर्नाटक के मैसूर से देश मे बाघों की संख्या जारी की गई थी। इसके मुताबिक वर्ष 2018 मे भारत मे कुल 2967 बाघ थे, जो 2022 मे बढ़ कर 3167 हो गये हैं। मतलब पिछले 4 वर्षो मे पूरे देश मे 200 बाघ बढ़े हैं। बांधवगढ़ की बात करें तो 2018 मे यहां 106 बाघ थे, जो 2022 मे करीब 165 हो गये हैं। मतलब इसी अवधि मे पार्क मे लगभग 60 बाघों की वृद्धि दर्ज की गई है। अर्थात बाघों की सकल राष्ट्रीय वृद्धि मे अकेले बांधवगढ़ का योगदान 60 के आसपास है। जो कि एक बड़ा हिस्सा माना जा सकता है।
अन्य पार्कोे को भी किया गुलजार
इतना ही नहीं प्रदेश के कई उद्यानो मे बांधवगढ़ के टाईगर की दहाड़ सुनाई दे रही है। इनमे से कई तो ऐसे हैं, जहां से कुल साल पहले तक बाघ पूरी तरह से विलुप्त हो चुके थे। जिनमे मुख्य रूप से पन्ना टाईगर रिर्जव का नाम शामिल है। इसके अलावा माधव नेशनल पार्क, नौरादेही तथा संजय धुबरी आदि नेशनल पार्को मे जिले के बाघों को भेज कर उनका पुर्नस्थापन किया गया है।
गढ़े जा रहे नये आयाम
वरिष्ठ अधिकारियों और अमले की कड़ी मेहनत से बांधवगढ़ मे नये आयाम गढ़े जा रहे हैं। बेहतर प्रबंधन की वजह से जहां बाघों की संख्या मे उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं आग जैसी आपदाओं पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है। उप संचालक लवित भारती ने बताया कि कि वर्ष 2020 मे लगी भीषण आग ने नेशनल पार्क मे भारी तबाही मचाई थी। उस घटना से सीख लेते हुए सुरक्षा के कई कदम उठाये गये हैं। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व एक मात्र ऐसा उद्यान है, जहां हांथी, बायसन और बाघ स्वछंद रूप से विचरण कर रहे हैं। श्री भारती के मुताबिक बायसन प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब बांधवगढ़ मे बारहसिंघा को बसाने का कार्य जारी है।
बाघ के हमले मे हांथी की मौत
बांधवगढ़ मे सोमवार को बाघ के हमले मे एक हांथी की मौत हो गई। इस संबंध मे जानकारी देते हुए पार्क प्रबंधन ने बताया है कि पनपथा कोर क्षेत्र के चितरांव बीट मे बाघ ने जंगली हांथी के बच्चे पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। शिकार के बाद बाघ ने हांथी को खाना शुरू कर दिया, इसी बीच गश्ती दल वहां पहुंच गया। जिसके बाद बाघ उठ कर झाडिय़ों मे चला गया।
बांधवगढ़ मे 150 से ज्यादा बाघ
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