बांधवगढ़ मे टिकटों की कालाबाजारी

बांधवगढ़ मे टिकटों की कालाबाजारी

रिसोर्ट और होटल संचालकों ने किया बुकिंग सिस्टम पर कब्जा, लूटे जा रहे पर्यटक

बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी

मध्यप्रदेश, उमरिया
मानपुर। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ मे सफारी के टिकटों की कालाबाजारी इन दिनो चर्चाओं मे है। बताया गया है कि पार्क भ्रमण के लिये होने वाली बुङ्क्षकग पर पूरी तरह से रिसोर्ट और होटल संचालकों ने कब्जा कर लिया है। जिससे सैलानियों का जम कर शोषण हो रहा है, जबकि दलाल हर महीने लाखों रूपये की चांदी काट रहे है। इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी है। बीते दिनो आये पार्क के नवागत डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने स्वीकार किया कि कुछ रिसोर्ट और होटल इस गोरखधंधे मे लगे हुए हैं। उन्होने ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा था कि कालाबाजारी करने वालों पर नजर रखी जा रही है। प्रबंधन द्वारा एक मामले मे कार्रवाई भी की गई, लेकिन धांधली अभी भी थमी नहीं है।

इस तरह हो रहा फर्जीवाड़ा
देश मे सबसे ज्यादा 165 बाघों की आबादी वाले इस टाइगर रिजर्व मे निर्धारित की संख्या के अनुसार प्रतिदिन आनलाइन बुङ्क्षकग के माध्यम से 149 और आफलाइन बुङ्क्षकग के जरिये 10 पर्यटक ही सफारी के लिए टिकट ले सकते हैं। इससे पहले कि पर्यटक टिकट बुक करें, पार्क क्षेत्र के रिसोर्ट और होटल संचालक प्रतिदिन अपने कर्मचारियों के नाम पर सारी बुकिंग करा लेते हैं। नतीजतन पर्यटकों को सफारी के लिए रिसोर्ट और होटल संचालकों का सहारा लेना पड़ता है। होटल संचालक सैलानियों से मनमानी धनराशि लेकर बुक कराई टिकट उन्हे दे देते हैं।

नियम की आड़ मे गड़बड़ी
सूत्रों के मुताबिक सारी गड़बड़ी आनलाइन बुङ्क्षकग सिस्टम के एक नियम की आड़ मे की जा रही है।
बताया गया है कि आनलाइन बुङ्क्षकग प्रक्रिया मे पुराने नाम की बुङ्क्षकग निरस्त कर नए नाम जोड़ने की व्यवस्था है। इसी का लाभ उठा कर रिसोर्ट और होटल संचालक पहले से अपने कर्मचारियों के नाम से बुक कराए टिकट के मनमाने दाम वसूलकर उसे पर्यटकों के नाम करा देते हैं।

यह लगता है शुल्क
गौरतलब है कि उद्यान मे सफारी के लिये मध्यप्रदेश टाइगर रिजर्व की वेबसाइट पर आनलाइन बुङ्क्षकग की जाती है, जिसके लिये पर्यटकों से पार्क के भीतर जाने तथा जंगल की सैर कराने वाले वाहन (जिप्सी) के 2450 रूपये लिए जाते हैं। रविवार अथवा किसी त्यौहार में पड़ने वाले प्रीमियम डे पर यह शुल्क बढकऱ 3050 रूपये हो जाता है।

करंट बुकिंग मे भी फर्जीवाड़ा
नियम के अनुसार बांधवगढ़ मे एक टिकट से छह पर्यटक सफारी कर सकते हैं, लेकिन समूह मे पहुंचने वाले पर्यटकों मे से सिर्फ एक नाम अतिरिक्त जोड़ा जा सकता है। जबकि यहां समूह के अलग-अलग लोगों को जोडकऱ प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा लिया जा रहा है। लोगों ने बताया कि जिप्सी सवारी के लिए सभी पर्यटकों की बुङ्क्षकग होती है लेकिन इसमे भी संख्यावार पृथक से चार्ज लिया जाता है। इतना ही नहीं करंट बुकिंग मे भी जम कर कालाबाजारी की जा रही है। रिसोर्ट और होटल संचालकों के कर्मचारी विंडो खुलने के समय से बाहरी लोगों की आइडी लगाकर पहले ही टिकट बुकिंग करा लेते हैं।

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