बांधवगढ़ मे एक और तेंदुए की मौत

बांधवगढ़ मे एक और तेंदुए की मौत
हफ्ते भर मे दूसरा हादसा, भूंख से मृत्यु होने का लगाया अनुमान
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे एक और तेंदुए की मौत होने की खबर है। मृत तेंदुए की आयु करीब 10 वर्ष बताई गई है। जानकारी के अनुसार गत 8 अप्रेल की सुबह 8 बजे टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर परिक्षेत्र अंतर्गत हरदी बीट के कक्ष क्रमांक 468 मे नौवाडोल नाले के किनारे पेट्रोलिंग के दौरान इस मादा तेंदुए का शव पाया गया। जिसकी सूचना बीट गार्ड लक्ष्मण साहू द्वारा उच्च अधिकारियों को देने के बाद क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम, सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ डॉक्टर नितिन गुप्ता, डबल्यू सीटीके पशु चिकित्सक डॉक्टर हिमांशु, एनटीसीए के प्रतिनिधि सीएम खरे, सत्येन्द्र तिवारी तथा अन्य वन अधिकारियों के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। शव परीक्षण आदि कार्यवाही के उपरांत उसे जला कर नष्ट कर दिया गया।
उम्र दराज हो चुकी थी मादा
सूत्रों के मुताबिक मृत तेंदुए के सभी अंग, नाखून, दांत सुरक्षित पाये गए। घटना स्थल के आसपास किसी मानव या अन्य बड़े हिंसक वन्य प्राणी के कोई प्रमाण नहीं मिले। मादा तेंदुए का एक ऊपर और एक नीचे का कैनाइन टूटा हुआ था। लिहाजा पार्क के अधिकारियों का अनुमान है कि तेंदुए की मृत्य उम्र दराज होने एवं शिकार न कर पाने के कारण भूख से हुई हो सकती है।
बुरा साबित हो रहा अप्रेल
अप्रेल का महीना नेशनल पार्क के लिये बेहद बुरा साबित हो रहा है। इससे पहले आग के कारण जंगलों को काफी नुकसान हुआ। आग से छुटकारा पाने के ठीक दूसरे दिने याने 30 मार्च को मगधी रेंज मे आपसी लड़ाई मे एक मादा बाघिन मारी गई। जिसका शव 1 अप्रेल को पाया गया। 4 अप्रेल को पतौर परिक्षेत्र मे बमेरा-कसेरू रोड के किनारे मादा तेंदुए का शव मिला। इसकी मौत भी आपसी लड़ाई का नतीजा बताई गई। अब 8 तारीख को एक मादा तेंदुए की मौत ने वन्य जीव प्रेमियों को चिंता मे डाल दिया है। उनका कहना है कि इन तीनो घटनाओं मे मादा जानवरों की मृत्यु हुई है, जो कि नेशनल पार्क मे इन दुर्लभ वन्यजीवों की वंशवृद्धि के लिये बड़ा नुकसान है।

 

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