बांधवगढ़ की 129 बीटों मे बाघ के सबूत

मार्च तक होगी कैमरा ट्रैपिंग, जुलाई मे आएंगे नतीजे
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे बाघों की चार वर्षीय गणना शुरू हो गई है और पैदल गणना के दौरान जंगल के 129 बीट मे बाघ होने के साक्ष्य मिले हैं। बांधवगढ़ के साढ़े सात सौ मे से ढाई सौ प्वाइंट पर अगले 25 दिनों के लिए कैमरे ऑन कर दिए गए हैं जिसमें जंगल के बाघों की हलचल को कैद किया जाएगा। कैमरा ट्रैपिंग तीन महीने चलेगी और जुलाई मे गणना के परिणाम सामने आएंगे। जंगल मे लगाए गए कैमरे पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं जिसमें उन वन प्राणियों की तस्वीर खुदबखुद खिंच जाती है। कैमरों की चिप चार-पांच दिन मे बदल दी जाती है और इसी तरह बैटरी को भी बदला जाता है। पच्चीस दिन बाद यह कैमरे दूसरे ढाई सौ बीट में स्थानान्तरित कर दिए जाएंगे।
पैदल गणना के डाटा पर काम
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे पैदल गणना का काम पूरा हो गया है और उस पर आगे का काम होना शुरू हो गया है। टाइगर रिजर्व की 139 बीट मे कुल 417 कर्मचारी और एनजीओ के 9 सदस्य इस काम को करने के लिए फील्ड मे उतरे थे। पैदल कर्मचारियों ने अपनी-अपनी बीट मे बाघों, तेंदुओं के पगमार्क देखे और उनकी फोटो स्ट्राइब ऐप में खींची। बाघों की विष्टा को देखा और उसे मोबाइल ऐप मे दर्ज किया। इसी तरह पेड़ों पर बाघों के पंजे की खरोंच के निशानों के फ ोटो खींचे। इन सभी निशानों से बाघों की उपिस्थति का आंकलन डब्ल्यूआईआई देहरादून की लैब मे होगा।
ऐसे होगा आंकलन
बाघों के पगमार्क, विष्ठा, पेड़ों पर पंजो से छोड़े गए खरोंच के निशान से तीन दिनों मे यह तय हो जाएगा कि एक बीट मे कुल कितने बाघ हैं। बीट मे शकाहारी जानवरों की मौजूदगी इस आंकलन को और पुष्ट करेगी। इस पुष्टि को पुख्ता करने के लिए कैमरा ट्रेपिंग से मिलने वाले फोटो अहम भूमिका निभाएंगे। इस तरह डब्ल्यूआईआई लैब के विशेषज्ञों को परिणाम देना आसान होगा।
139 बीट 750 पॉइंट
बाघ गणना के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 139 बीट के 750 पॉइंट पर कैमरे
लगाए जाएंगे। यदि एक साथ इन प्वाइंट पर कैमरे लगाए जाते तो 1500 सौ कैमरों की आवश्यकता होती और काम भी महज 25 दिन मे पूरा हो जाता, लेकिन इतने कैमरे उपलब्ध नहीं हैं। पार्क के पास सिर्फ 500 कैमरे हैं इसलिए इनका उपयोग तीन बार में किया जाएगा। यानी 25-25 दिन के लिए ढाई -ढाई सौ प्वाइंट पर पांच-पांच सौ कैमरे लगाए जाएंगे। इस तरह कैमरा ट्रेपिंग मे कुल तीन महीने का समय लगेगा।
चार साल पहले हुई थी गिनती
इससे पहले देश मे बाघों की गिनती वर्ष 2018 मे हुई थी। यह गणना प्रत्येक 4 वर्ष मे की जाती है। बाघ विचरण क्षेत्रों से संकलित जानकारी देहरादून पहुंचने के बाद डाटा का वैज्ञानिक तरीके से परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद ही सही गणना के आंकड़े जारी किये जायेंगे।
उद्यान ने दिलाया था टाईगर स्टेट का दर्जा
गौरतलब है कि इससे पूर्व हुए अखिल भारतीय बाघ आंकलन मे मध्यप्रदेश देश भर
मे अव्वल रहा था। यहां सर्वाधिक बाघ पाये जाने के कारण ही राज्य को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला था। इस उपलब्धि मे 124 बाघों के साथ बांधवगढ का विशेष योगदान था। वर्ष 2018 मे बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व मे कुल 124 वयस्क बाघ पाये गये थे। जिन्हे मिला कर प्रदेश का आंकड़ा 526 हो गया। उमरिया जिले मे पिछले दो साल मे दो दर्जन से ज्यादा बाघों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी वन विभाग का कहना है कि बांधवगढ़ मे बाघों की संख्या मे इजाफा होगा।
41 नए शावक
इसी साल मई मे जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार बांधवगढ़ मे 3 महीने से लेकर 12 महीने तक के 41 नए शावक देखे गए थे। इन्हें यदि गणना मे शामिल किया जाता है तो बाघों की संख्या बांधवगढ़ मे पिछली गणना की अपेक्षा बढ़ जाएगी। गणना मे एक साल से बड़े शावकों को शामिल किया जाता है।
इनका कहना है
बांधवगढ़ मे बाघ गणना का काम शुरू हो गया है। कैमरा ट्रेपिंग मे ज्यादा समय लगेगा इसके बाद सभी उपलब्ध जानकारियां वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जायेगा। वहीं से आंकलन होगा कि बांधवगढ़ मे कुल कितने बाघ हैं।
बीएस अन्नागिरी, फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़

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