बस पर गिरी चट्टान, 10 की मौत

हिमांचल मे फिर दरका पहाड़, मलबे मे फंसे दर्जनो यात्री
शिमला हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बार फिर लैंडस्लाइडिंग हुई है। शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड के निगोसारी और चौरा के बीच अचानक एक पहाड़ दरक गया। जिससे चट्टानें एक बस और कुछ गाड़ियों पर जा गिरीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 50 से ज्यादा यात्री मलबे में फंस गए हैं। अभी तक 10 लोगों को निकाल लिया गया है। वहीं, अब तक 10 शव भी निकाले गए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और NDRF की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। ITBP को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है। मलबे में फंसी बस हिमाचल रोडवेज की है, जो मूरंग से हरिद्वार जा रही थी। एक बस, एक ट्रक, बोलेरो और 3 टैक्सियों पर चट्टानें गिरी हैं। हिमाचल सरकार ने रेस्क्यू के लिए उत्तराखंड और हरियाणा सरकार से हेलिकॉप्टर मांगे हैं। आर्मी ने भी अपने दो हेलिकॉप्टर भेजे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले सकते हैं। किन्नौर हादसे में बचा बस का कंडक्टर मोहेंद्र पाल जिला बिलासपुर का रहने वाला है, जबकि बस ड्राइवर गुलाब सिंह है। दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया है। ये दोनों सड़क पर पहले से गिरे पत्थर देखने बस से बाहर निकले थे। इसी दौरान पहाड़ से मलबा गिरा, जिससे बस दब गई। दोनों ने भागकर अपनी जान बचाई। कंडक्टर का कहना है कि बस में 25 सवारियां थीं।
ड्राइवर-कंडक्टर ने सुनाई हादसे की आंखों देखी
बस कंडक्टर महेंद्र पाल ने बताया, ‘बस में करीब 25 यात्री सवार थे। जैसे ही हम निगुलसेरी पहुंचे, तो उसने देखा कि सामने पहाड़ी से चट्टानें गिर रही हैं। हमने बस को 100 मीटर पीछे ही रोक दिया। यहीं पर कार और ट्रक समेत दूसरी गाड़ियां भी रुक गईं। इसके बाद अचानक पहाड़ी चट्टानें सभी गाड़ियों पर गिर गईं।’ बस ड्राइवर और कंडक्टर ने ही अफसरों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ।बस के ड्राइवर गुलाब सिंह ने बताया, ‘यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि बस यहां से गुजर पाएगी या नहीं। ऐसे में मैं और कंडक्टर बस से उतर कर पैदल सड़क पर चल पड़े। जैसे ही थोड़े आगे निकले, चट्टानें गिरनी शुरू हो गईं। हम दोनों पीछे की तरफ भागे और सड़क किनारे एक जगह पर छिप गए। इसके बाद भारी भरकम चट्टानें और मलबा बस समेत अन्य वाहनों पर गिर गए। वो माहौल बेहद डरावना था।
15 घायलों की हालत बेहद नाजुक
राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई टीम ने 25 लोगों को मौके से अस्पताल पहुंचाया। इनमें से 10 लोगों को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 15 लोगों का इलाज किया जा रहा है। घायलों की हालत बेहद नाजुक है। चट्टानों के नीचे दबी हुई बस में 25 लोग सवार थे।
किन्नौर में पिछले महीने भी हुआ था भूस्खलन
25 जुलाई को किन्नौर में भूस्खलन के बाद पहाड़ी से चट्‌टानें इतनी तेजी से नीचे गिरीं कि बस्पा नदी का पुल टूट गया था। इस हादसे में 9 टूरिस्ट्स की मौत हो गई थी। मरने वालों में 4 राजस्थान के, 2 छत्तीसगढ़ के और एक-एक महाराष्ट्र और वेस्ट दिल्ली के थे। पर्यटक ट्रैवलर गाड़ी में छितकुल से सांगला की ओर जा रहे थे, तभी बटसेरी के गुंसा के पास पुल पर चट्‌टानें गिरने से पुल टूट गया और पर्यटकों की गाड़ी भी चपेट में आ गई।
रात में भी जारी रहेगा बचाव कार्य
प्रशासन के मुताबिक, कुल 6 वाहन मलबे के नीचे दबे पड़े हैं। इनमें सवार लोगों की संख्या भी ज्यादा हो सकती है। मलबे के नीचे दबे पड़े लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य की टीम रात भर प्रयास करेगी। राज्य सरकार की ओर से मौके पर हेलिकॉप्टर की मदद लेने की भी कोशिश की जा रही है, लेकिन घटनास्थल का भौगोलिक ढांचा इस तरह का है कि यहां पर हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी रेस्क्यू करना बेहद जटिल है। मौके पर रेस्क्यू टीम का नेतृत्व तहसीलदार अभिषेक चौहान कर रहे हैं। अब तक मृत मिले लोगों में से एक युवक हमीरपुर जिले के सुजानपुर का रहने वाला है।
रात 8 बजे तक नहीं मिली बस
एसडीएम भावानगर मनमोहन ने बताया कि सड़क से मलबा हटा दिया गया, लेकिन रात 8 बजे तक बस नहीं मिली है। उन्होंने अंदेशा जताया है कि बस साथ लगती खाई में गिर गई है। उन्होंने कहा रात में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। क्योंकि खाई गहरी है और ऊपर से किसी भी समय पत्थर गिर सकते हैं।
Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *