किसानो ने करनाल मे सचिवालय के सामने जमाया डेरा, 5 जिलों मे इंटरनेट सेवा बंद
करनाल। हरियाणा के करनाल में किसानों ने जिला प्रशासन से बातचीत विफल होने के जिला सचिवालय के बाहर डेरा डाल लिया है। किसान दिल्ली बॉर्डर की तरह यहां भी मोर्चा लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने टेंट मंगवाना शुरू कर दिया है। इससे पहले सचिवालय की तरफ बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान आगे बढ़ने पर अड़े रहे। इसके बाद पुलिस ने राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत कुछ किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। हालांकि थोड़ी देर बाद इन्हें छोड़ दिया गया। सचिवालय के मेन गेट पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स मौजूद है। किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हालांकि इसके बाद भी किसान सचिवालय के सामने ही जमा हो गए हैं। किसान नेताओं ने सचिवालय के बाहर ही मोर्चा लगाने का फैसला किया है। इधर, किसानों के आंदोलन के चलते हरियाणा के 5 जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सर्विस बंद कर दी गई हैं। गृह सचिव-1 डॉ. बलकार सिंह के आदेश के अनुसार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
किसानों ने बसें रोकीं, हाईवे पर जाम लगा
करनाल के DC और SP किसानों को हिरासत में लेने के बाद उनसे भरी बसों को बाहर भेजने के आदेश दे रहे थे। उसी दौरान किसान सड़क के बीच बैठ गए। वहीं, फ्लाईओवर पर कुछ शरारती तत्वों ने वाहनों को डंडे दिखाकर रोक लिया। करीब 10 मिनट तक वाहन रोककर रखने से हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई।
पैरामिलिट्री फोर्स समेत 40 कंपनियां तैनात
करनाल के SP गंगाराम पुनिया ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। धारा-144 लागू है। किसानों को मिनी सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। लघु सचिवालय समेत 18 जगहों पर नाके लगाए गए हैं। जीटी रोड और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक किया गया है।
करनाल के SP गंगाराम पुनिया ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। धारा-144 लागू है। किसानों को मिनी सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। लघु सचिवालय समेत 18 जगहों पर नाके लगाए गए हैं। जीटी रोड और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक किया गया है।
किसानों की गिरफ्तारी के लिए 40 बसें बुलाईं
नमस्ते चौक पर लगे चौथे नाके पर प्रशासन ने 40 रोडवेज बसें बुला लीं। किसान गिरफ्तारी के लिए तैयार हो गए। वहीं, आधे से ज्यादा किसान फ्लाईओवर से होकर नमस्ते चौक से आगे निकल गए।
नमस्ते चौक पर लगे चौथे नाके पर प्रशासन ने 40 रोडवेज बसें बुला लीं। किसान गिरफ्तारी के लिए तैयार हो गए। वहीं, आधे से ज्यादा किसान फ्लाईओवर से होकर नमस्ते चौक से आगे निकल गए।
पिछली दो बैठकों से भी बाहर आ गए थे किसान नेता
इससे पहले दो दौर की वार्ता के बाद चढूनी-टिकैत समेत 11 सदस्य उठकर कुछ देर के लिए बाहर आए थे। बाहर आकर किसान नेताओं ने कहा था- जो हम मांग रहे, वह प्रशासन नहीं दे रहा और जो प्रशासन दे रहा, वह हम नहीं ले रहे।पहली वार्ता के बाद भी एक ब्रेक लिया गया था। दूसरे दौर की वार्ता के बाद भी जब बात नहीं बनी तो सभी किसान नेता उठकर बाहर आ गए। हालांकि कुछ ही देर बाद प्रशासन ने किसान नेताओं को तीसरे दौर की वार्ता के लिए भीतर बुला लिया। अब तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है।
इससे पहले दो दौर की वार्ता के बाद चढूनी-टिकैत समेत 11 सदस्य उठकर कुछ देर के लिए बाहर आए थे। बाहर आकर किसान नेताओं ने कहा था- जो हम मांग रहे, वह प्रशासन नहीं दे रहा और जो प्रशासन दे रहा, वह हम नहीं ले रहे।पहली वार्ता के बाद भी एक ब्रेक लिया गया था। दूसरे दौर की वार्ता के बाद भी जब बात नहीं बनी तो सभी किसान नेता उठकर बाहर आ गए। हालांकि कुछ ही देर बाद प्रशासन ने किसान नेताओं को तीसरे दौर की वार्ता के लिए भीतर बुला लिया। अब तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है।
8 किसान संगठनों को कोर्ट का नोटिस
करनाल जिला कोर्ट की तरफ से सोमवार को 8 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया। नोटिस में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ग्रुप, अजय राणा ग्रुप, रतनमान ग्रुप, गन्ना समिति, भाकियू, भाकिसं वगैरह को आदेश दिया गया है कि वह कानून को हाथ में न लें और न ही किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। कोर्ट की ओर से करनाल के डीसी व एसपी को भी नोटिस जारी किया गया कि महापंचायत की वजह से आमजन को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इससे जुड़ी उचित व्यवस्था की जाए।
करनाल जिला कोर्ट की तरफ से सोमवार को 8 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया गया। नोटिस में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ग्रुप, अजय राणा ग्रुप, रतनमान ग्रुप, गन्ना समिति, भाकियू, भाकिसं वगैरह को आदेश दिया गया है कि वह कानून को हाथ में न लें और न ही किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। कोर्ट की ओर से करनाल के डीसी व एसपी को भी नोटिस जारी किया गया कि महापंचायत की वजह से आमजन को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इससे जुड़ी उचित व्यवस्था की जाए।
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