निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम ने बढ़ाई मुश्किल, कापियों पर टेक्स की मार
बांधवभूमि, उमरिया
मंहगाई से परेशान गरीब और मध्यम वर्ग के नागरिकों को अब बच्चों की किताबों का जुगाड़ करने मे मे पसीना आ रहा है। कारण इसकी बेतहाशा बढ़ी हुई कीमतें हैं। बताया गया है कि केजी और पहली क्लास के बच्चों के लिये अभिभावकों को 1500 से 2500 रूपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन निजी संस्थानो के छात्रों को हो रही है, जिन्होने अपने स्कूल मे प्रायवेट पब्लिकेशन की किताबों के संचालन का हुक्मनामा जारी किया हुआ है। उल्लेखनीय है कि अप्रेल मांह से जिले मे नये शिक्षण सत्र की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे मे बच्चों को तत्काल कॉपी-किताब की आवश्यकता है। लिहाजा मात-पिता इसकी व्यवस्था मे जुटे हुए हैं। जानकारों का मानना है कि प्रायवेट पाठ्यक्रम की किताबें तो मंहगी हैं ही, कापियों पर सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी ले रही है। इसी वजह से इनके दाम भी आसमान छूने लगे हैं।
हर स्तर पर मनमानी
निजी संस्थानो मे पढ़ रहे बच्चों के लिये भारी-भरकम फीस का इंतजाम करने के बाद पाठ्यक्रम को लेकर चल रही मनमानी बर्दाश्त के बाहर है। इसके चलते हर कोई परेशान है। अभिभावकों का कहना है कि हर बच्चे के लिये मुफ्त शिक्षा की बातें केवल जबानी जमा खर्च है। शिक्षा अब एक व्यापार बन चुकी है। इस अव्यवस्था की पूरी जानकारी होने के बावजूद सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बदहाली के शिकार सरकारी स्कूल
शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सरकार भले कितने ही दावे करे, पर प्रदेश मे इसके हाल बेहाल हैं। कहने को तो गांव-गांव, कस्बे और मोहल्ले तक मे स्कूल खुल गये हैं, पर वहां न तो शिक्षक हैं, नां ही संसाधन। हर माता-पिता चाहता है कि उनके बच्चे पढ़-लिख कर एक मुकाम हांसिल करें। यही चाहत और शासकीय विद्यालयों की दुर्दशा उन्हे निजी संस्थानो की ओर प्रेरित करती है, परंतु यहां तो शुद्ध कारोबारी बैठे हुए हैं। जहां लूट का सिलसिला एडमिशन से ही शुरू हो जाता है। कई संस्थानो ने तो किताबों से लेकर यूनिफार्म तक दुकानदारों से कमीशन सेट कर रखी है। इस चक्की मे गरीब और मध्य वर्ग के अभिभावक पिसे जा रहे हैं।
किस स्कूल मे कितना खर्च
एक जानकारी के मुताबिक आरसी स्कूल की पहली व दूसरी कक्षा मे पढऩे वाले बच्चों के लिये कापी-किताब पर 1500 रूपये, तीसरी कक्षा के लिये 1300, चौथी एवं पांचवीं के लिये 1350 जबकि छठवें और सातवें क्लास के लिये लगभग 1950 तथा आठवीं कक्षा के 1850 रूपये खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं सेंट्रल एकेडमी की पहली व दूसरी कक्षा मे पढऩे वाले बच्चों के लिये लगभग 2600 रूपये, तीसरी कक्षा के लिये 2850, चौथी के लिये 3000, पांचवीं के लिये 3500 जबकि छठवें और सातवें क्लास के लिये लगभग 3100 तथा आठवीं कक्षा के 3300 रूपये खर्च करने पड़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक आरसी स्कूल मे जहां प्रायवेट पब्लिकेशन और एनसीआरटी का संयुक्त पाठ्यक्रम संचालित है वहीं सेंट्रल अकादमी मे सिर्फ प्रायवेट पब्लिकेशन की किताबें ही मान्य हैं।
बच्चों की किताबों के लिये बड़ों को आ रहा पसीना
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