राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से 30 तक मांगे सुझाव
उमरिया। कोविड के चलते कक्षा 1 से 8वीं तक के पाठ्यक्रमो का पुर्ननियोजन होगा। 60 प्रतिशत पढ़ाई ऑनलाईन रेडियो टीवी व घर-घर जा कर कराई जायेगी। जबकि कठिन विषयों की 40 प्रतिशत पढ़ाई स्कूल मे ही प्रोजेक्ट के माध्यम से होगी। यानि स्कूल खुलने पर शिक्षक विद्यार्थियों को कठिन विषयों को बोर्ड, प्रोजेक्टर के माध्यम से समझा कर उनकी कठिनाईयों को दूर करेंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र कक्षा 1 से 8वीं तक की स्कूलों मे पढ़ाई के फार्मूले को बदलने जा रहा है। इसके कुछ बिंदुओं पर काम करने के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला प्रशिक्षण संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने भी उन बिंदुओं पर काम करना शुरू कर दिया है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पाठ्यक्रम का पुर्ननियोजन इसलिये किया जा रहा है ताकि कोविड-19 के चलते बच्चों की पढ़ाई न रूके। सीखने-सिखाने की प्रक्रिया भी चलती रहे। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार पहले कक्षा 1 से 8वीं तक इसके बाद 9 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम मे बड़े बदलाव की तैयारियों मे है।
ये है नया फार्मूला
जिन बच्चों के पास ऑनलाईन पढ़ाई के इंतजाम हैं, उनके लिये मोबाईल से ही ऑनलाईन पढ़ाई कराई जायेगी। साधन न होने की स्थिति मे शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ायेंगे। सांथ रेडियो टीवी के माध्यम से पढ़ाई कराई जायेगी। इन तीनो फामूलों से 60 फीसदी पढ़ाई होने के बाद कठिन विषय के लिये पढ़ाई स्कूलों मे ही कराये जाने की योजना है।
अभी ऐसे हो रही पढ़ाई
जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा 1 से 8वीं तक के बच्चों को तीन बिन्दुओं मे हमारा घर हमारा विद्यालय रेडियो टीवी के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। 15 नवंबर तक स्कूल नहीं खुलेंगे। ऐसे मे शासन की सोच है कि कोर्स को दो माध्यमो मे बांटा जाय। जिससे बच्चे आसानी से समझ सकें।
यह मांगी मांगी जानकारी
विभागीय सूत्रों के मुताबिक राज्य शिक्षा केन्द्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से लर्निग आऊट कम्स की प्राप्ति किस प्रकार होगी। लर्निग आऊट कम्स प्राप्त करने मे क्या परेशानी हो सकती है। पाठ्यक्रम पूरा करने मे छात्रों की समझ कैसे बनेगी आदि बिन्दुओं पर जानकारी 30 अक्टूबर तक मांगी है।
ऐसे होगा पुर्ननियोजन
पाठ्यक्रम के 60 प्रतिशत हिस्से को पोर्टल से बच्चों को ऑनलाईन भेज दिया जायेगा जबकि 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम का ऐसा हिस्सा जो कठिन होगा उसे 15 नवंबर के बाद स्कूल खुलने पर शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जायेगा। यानि जो सरल विषय हैं वे प्रेक्टिकल या होम असाइन्मेंट के माध्यम से पढ़ाये जायेंगे। वहीं कठिन विषय को शिक्षक स्कूल मे ही पढ़ायेंगे।
जिले से सुझाव जाना मुश्किल
जिले की प्रशिक्षण संस्था मे स्टाफ न होने के कारण राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा मांगे गये सुझाव भेजा जाना मुश्किल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक डाईट उमरिया मे लेक्चरार और शिक्षकों को मिला कर करीब दर्जन भर पद स्वीकृत हैं, जिनमे से प्रिंसिपल को छोड़ सभी रिक्त हैं। बताया जाता है कि डाइट मे स्टाफ होने से प्रशिक्षण सहित कई महत्वपूर्ण कार्य ठप्प पड़ गये हैं।