बचा हुआ पूरा जीवन जेल मे बितायेगा बलात्कारी फूफा

शहडोल/सोनू खान। रिश्ते को कलंकित करने वाले एक बलात्कारी फूफा का शेष जीवन अब जेल में ही बीतेगा। माननीय द्वितीय सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट) शहडोल द्वाराआरोपी राजू सोधिया उर्फ बेटउ निवासी वार्ड नं 09 लालदेवी के पास पाण्डवनगर कोतवाली जिला शहडोल को धारा 376(2)(च), 376 (ए)(बी), 376 भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवन तक) से दंडित किया गया है। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में विश्वजीत पटेल डीपीओ, शहडोल द्वारा सशक्त पैरवी की गई एवं श्रीमती कविता कैथवास एडीपीओ, श्रीमती सुषमा सिंह ठाकुर एडीपीओ एवं नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ, शहडोल द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि फरियादिया अपनी पीडिता बेटी के साथ थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई कि खजुलईया के दिन अपने पति के साथ अमरकंटक से अपने मायके शहडोल आई थी फरियादिया की ननद पांडवनगर में रहती है। तभी ननद ने मेरी बेटी को अपने पास रोक लिया। दोबारा फरियादिया अपनी जेठानी के साथ ननद के घर मिलने पाण्डवनगर गयी तभी मुझे देखकर बेटी (पीडिता) रोने लगी, तब मॉं के पुछने पर उसने बताया कि फूफा पकड रहा था और मुझे पलग पर लेटाकर मेरे साथ गलत काम(बलात्कार) किया, मैं चिल्लाई तो फूफा मेरा मुह दबाकर बोला कि चुप रह नहीं तो जान से मार दूगा। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट प्रोफाइल के दौरान प्राप्त आकडें पर्याप्त न होने के कारण मिलान संभव नहीं हो पाया परंतु फरियादिया एवं पीडिता के कथनों एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दंडित कराया गया।
फरार आरोपी पर 10 हजार का नाम घोषित
शहडोल। पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरार आरोपी रितेश वर्मन उर्फ कैली निवासी वार्ड नं० 14/19 घरौला मोहल्ला  शहडोल  के विरूद्व धारा 302, 34 भादवि  थाना कोतवाली शहडेाल में दर्ज किये गए है। आरोपी  की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किया गया किन्तु फरार आरोपी रितेश वर्मन उर्फ कैली पिता रामसजीवन का अभी तक कोई सुराग नही मिल पाया है। जिस पर प्रकरणों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी ने पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा क्रंमाक 80 बी (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया है तथा कहा गया है कि जो कोई फरार आरोपी को गिरफतारी करेगा या गिरफतारी  करायेगा अथवा गिरफ्तारी के लिए विश्वसनीय  सूचना देगा, सहयोग करेगा उसका नाम सर्वथा के लिए गोपनीय रखा जाएगा।
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