बंदरो की आदत बिगाड़ रहीं पुण्यात्माएं

बंदरो की आदत बिगाड़ रहीं पुण्यात्माएं

रास्तों पर खड़े होकर चखाया जा रहा व्यंजनों का स्वाद बन रहा जान का जोखिम

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले के जंगली क्षेत्रों से गुजरने वाले नेशनल तथा स्टेट हाइवे के आसपास बंदरों को भोज्य पदार्थ खिलाना एक फैशन बनता जा रहा है। आमतौर पर छोटे वाहनो मे आवागमन करने वाले मुसाफिरों द्वारा इस तरह का कार्य पुण्य समझ कर किया जाता है, परंतु उनका यह कार्य जानवरों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि बंदर जो जंगली पेड़ों के पत्ते और फल इत्यादि खा कर अपना जीवन-यापन करने के अभ्यस्त हैं। नमकीन, बिस्किट, ब्रेड, चना, रोटी या अन्य सामग्री खिलाने से बिगड़ जाते हैं। एक बार मुंह मे चटपटा स्वाद लगने के बाद वे बार-बार ऐसी ही वस्तुओं की खोज करते हैं। इसी चक्कर मे वे जंगल छोड़ कर सडक़ो पर ही उनकी धमा.चौकड़ी मचाते रहते हैं।

सडक़ों पर होता है तमाशा
अपने वाहन सडक़ पर खड़ा कर बंदरों की ओर लजीज खाद्य सामग्री फेंकने के नजारे जिले के बांधवगढ़, शहपुरा, शहडोल तथा कटनी मार्ग पर बहुतायत मे देखे जा सकते हैं। लंबे समय से बेरोकटोक चल रहे इस कार्य ने इन मूक पशुओं के स्वभाव को बिगाड़ दिया है। हालत यह है कि किसी भी कार या वाहन को धीमा होते देख बंदरों के झुंड उसके आसपास इक_ा हो जाता है। इतना ही नहीं कुछ न मिलने से बंदर नाराज हो कर लोगों पर झपटने का प्रयास भी करते हैं। उनकी भागमभाग के कारण हाइवे पर अन्य वाहनों का आवागमन प्रभावित होता है। साथ ही दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

नियम शिथिल होने का खामियाजा
जानकारों का मानना है कि बंदरों को इस तरह खाना खिलाना या लापरवाही से होने वाली उनकी मौत पहले वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी मे आता था, पर अब ऐसा नहीं है। बताया गया है कि कुछ समय पहले केन्द्र सरकार द्वारा नियम मे संशोधन करते हुए बंदरों को वन्य जीव संरक्षण सूची से बाहर कर दिया गया है। जिसकी वजह से वन विभाग ऐसा करने वालों के विरूद्ध किसी तरह की कार्यवाही नहीं कर पाता।

फायदा नहीं, नुकसान
जंगल मे रहने वाले बंदरों को खाना खिलाना पूरी तरह से अनुचित है। इससे उन्हे फायदे की बजाय कई तरह की समस्यायें हो सकती हैं। बाहरी चीजों के आदी होने के बाद पशु अपना वास्तविक स्वभाव और खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिससे उनका शरीर कमजोर होने लगता है। अत: सडक़ों पर जानवरों को खाद्य सामग्री न दें और उनसे दूर रहें।
मोहित सूद
वन मण्डलाधिकारी, उमरिया

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