ममता ने सीआईडी से दिया जवाब, बॉडीगार्ड की संदिग्ध मौत के मामले मे शुभेंदु के घर दबिश
काेलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच चुनाव के पहले से जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले महीने CBI ने बहुचर्चित नारदा रिश्वत कांड में राज्य सरकार के दो हैवीवेट मंत्री फिरहाद हकीम व सुब्रतो मुखर्जी के अलावा राज्य के दो पूर्व मंत्री मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को जेल तक पहुंचा दिया था।अब ममता बनर्जी ने भी केंद्र को CBI का जवाब CID से दिया है। दरअसल, राज्य पुलिस की CID ने बुधवार को भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के घर दबिश दी। बंगाल CID की स्पेशल टीम शुभेंदु के घर पर उनके पूर्व सुरक्षा गार्ड शुभव्रत चक्रवर्ती के संदिग्ध मौत के मामले में जांच करने पहुंची। राज्य CID की 3 सदस्यीय टीम शुभेंदु के घर (कान्थी के राजा की कोठी के रूप में प्रसिद्ध) शांतिकुंज निवास पहुंची और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। हालांकि, इस दौरान शुभेंदु मौजूद नहीं थे। जांच टीम ने शुभेंदु के भाई और सांसद दिव्येंदु अधिकारी से पूछताछ की। साथ ही उनके घर पर तैनात सेंट्रल फोर्स की बैरक में भी जाकर जानकारी ली। सुरक्षाकर्मी शुभ्रवत की पत्नी सुपर्णा कांजीलाल चक्रवर्ती ने मेदिनीपुर जिले के काफी थाने में अपने पति की रहस्यमयी मौत की जांच की मांग को लेकर FIR करवाई थी। बंगाल पुलिस ने मामले की जांच CID के हवाले कर दी थी। CID की टीम दोपहर 3 बजे के आसपास शुभेंदु के घर पहुंची। चर्चा है कि ममता ने राजनीतिक प्रतिशोध के चलते शुभेंदु के पीछे CID को लगाया है। इस बीच भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि नंदीग्राम में विधानसभा चुनाव में हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तिलमिलाई हुई हैं। वे बदले की भावना में सालों पुराने झूठे मामले में उन्हें आरोपी बनाकर परेशान करने की कोशिश कर रही हैं।
दूसरा मामला: नंदीग्राम में शुभेंदु की जीत को ममता ने दी चुनौती
इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनावी याचिका पर सुनवाई करते कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी बुधवार को शुभेंदु अधिकारी को नोटिस जारी किया है। याचिका में 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी की जीत को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने 12 अगस्त तक नोटिस का जवाब मांगा है। जस्टिस शंपा सरकार ने नोटिस के अलावा चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज, चुनाव पत्र, उपकरण, वीडियो रिकॉर्डिंग आदि को सुरक्षित रखना चाहिए। कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर के साथ आयोग के CEO और इलेक्शन कमिशन को भी मामले में पक्षकार बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शुभेंदु
इस बीच देर शाम शुभेंदु अधिकारी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। अधिकारी ने अपनी याचिका में मांग की है कि नंदीग्राम में चुनावी परिणाम के मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट से ट्रांसफर कर किसी अन्य हाईकोर्ट को भेजा जाए।
ममता को नहीं हराया तो संन्यास ले लूंगा’
बंगाल में इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा के दौरान सबकी नजर नंदीग्राम सीट पर थी। कभी ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा में जाने के बाद दीदी को खुलेआम चुनौती दे दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से लड़ेंगी तो मैं उन्हें हरा दूंगा, अगर मैं ऐसा नहीं कर पाया तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा।बाद में जब 2 मई को परिणाम आए तो शुभेंदु 1956 वोटों से विजयी हुए। हालांकि ममता ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी।
Like this:
Like Loading...
Related
Advertisements
Advertisements