बांधवगढ़ के धमोखर रेंज के परासी बीट की घटना, गश्ती के दौरान मिला शव
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे गुरुवार की सुबह एक 10 वर्ष के बाघ का शव पाया गया है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि बाघ की मौत आपस की लड़ाई मे हुई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे बारहवें दिन एक और बाघ की मौत होने से यहां बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। 12 दिन पहले 7 नवंबर को एक बाघ की मौत हुई थी और इसके बाद अब 18 नवंबर को एक और बाघ की जान चली गई जिससे लगता है कि पाक के अंदर गस्त बिल्कुल नहीं हो रही है। बाघ की मौत के बाद पार्क प्रबंधन ने रटारटाया जवाब दिया है कि बाघ की मौत आपसी संघर्ष मे हुई है। बाघ की मौत के बाद पूरा दिन पार्क प्रबंधन अपनी कार्रवाई मे जुटा रहा और किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
बमेरा सन के नाम से था मशहूर
मृतक बाघ बमेरा सन के नाम से मशहूर था। इस बाघ की उम्र लगभग 10 वर्ष हो चुकी थी और यह शारीरिक रूप से कमजोर हो गया था। इसके बावजूद उसकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था पार्क प्रबंधन ने नहीं की थी। पार्क प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक बाघ टी 37 का शव परासी बीट मे पाया गया है। परासी भी धमोकर रेंज मे आती है और यही नजदीक परासी गांव भी है। हालांकि शुरू मे यह चर्चा थी कि बाघ की मौत करंट लगने से हुई है लेकिन बाद मे पार्क प्रबंधन ने इस मामले को आपसी संघर्ष का नतीजा बता दिया।
गस्त मे मिला शव
प्रबंधन का कहना है कि गुरुवार की सुबह जब सुरक्षा श्रमिक वर्ग की गश्त कर रहे थे इस दौरान परासी बफर जोन मे बाघ का शव देखा गया था। शव देखने के बाद घटना की सूचना पार्क प्रबंधन को दी गई इसके बाद प्रबंधन सक्रिय हुआ और जांच शुरू की गई। डाग स्क्वायड को मौके पर पहुंचाया गया लेकिन कहीं कोई विशेष जानकारी नहीं मिली। पास मे ही दूसरे बाघ के पदचिन्ह भी पाए गए हैं जिससे अनुमान लगाया गया है कि दोनों बाघों के बीच हुई फइटिंग मे टी 37 की मौत हो गई है।
दूसरा बाघ भी घायल
पार्क प्रबंधन का अनुमान है कि इस फाइटिंग मे दूसरे बाघ को भी चोट पहुंची होगी। पार्क प्रबंधन उस दूसरे बाघ की सर्चिंग भी करा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि कहीं दूसरा बाघ भी ज्यादा घायल ना हो गया हो, अन्यथा उसके जीवन पर भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। पर प्रबंधन का कहना है कि बाघ के मिलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वह कितना घायल है अथवा सुरक्षित है।
फिर हुई भिडंत, फिर बाघ की मौत
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