आरबीआई ने जारी किया फरमान, 30 सितंबर तक बैंकों मे होगा एक्सचेंज
नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़ी करेंसी २००० रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है। आईबीआई के अनुसार, २००० रूपये का नोट लीगल टेंडर रहेगा, लेकिन इस नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि २००० रूपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर। क्लीन नोट पॉलिसी के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है। ३० सितंबर २०२३ तक २००० रूपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने साल २०१६ में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने २००० रूपये के नोट को जारी किया था। पिछले कुछ महीने से मार्केट में २००० रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे। लोगों का कहना था कि एटीएम से भी २००० रूपये नोट नहीं निकल रहे हैं। इस संबंध में मोदी सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी। रिजर्व बैंक २००० का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। आरबीआई ने कहा कि इसका ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद २०१८-१९ में इसकी प्रिटिंग बंद कर दी गई थी। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में लिखा है कि वो २००० के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
बैंको मे दी गई जानकारी
बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए ३० ङ्क्षसतबर २०२३ तक का समय है। नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है। लेन-देन के लिए २००० के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, आरबीआई ने ३० सितंबर २०२३ को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है। हां। नॉन-अकाउंट होल्डर भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में ?२०,०००/- की सीमा तक ?२००० के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी २००० के नोट डिपॉजिट कर सकते हैं। सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें।
काले धन को बाहर लाने की एक कोशिश
बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में आरबीआई के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम काले धन को बाहर लाने की एक कोशिश है। कई लोगों ने जमाखोरी कर ली है, इसलिए आरबीआई ने 20 हजार रुपये की लिमिट तय की है। वहीं भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अब एक हजार के नोट वापस भी आ जाएं तो हैरानी नहीं होगी।
2000 रुपये के नए नोटों को वापस लिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरबीआई के फैसले पर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की यही खासियत है। हमारे नेता पहले करते हैं, बाद में सोचते हैं। रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नए नोटों को अब वापस लिया जा रहा है।
सीएम केजरीवाल ने भी साधा निशाना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरबीआई के फैसले पर सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने पहले कहा कि 2000 के नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं कि 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। केजरीवाल ने आगे कहा कि इसलिए हम कहते हैं कि पीएम पढ़ा लिखा होना चाहिए।