लोगों मे दहशत, दो दिन पहले किया भैंस का शिकार
उमरिया। सोमवार को एक बार फिर शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 9 मे बाघ के पदचिन्ह पाए गए हैं। घटना की जानकारी वन विभाग को देने के बाद टीम आई तो लेकिन सलाह के साथ सिर्फ यह निर्देश ही दिए कि बाघ चाहे इंसान को किल कर दे तुम लोग कुछ नहीं करना। बाघ ने बीते दो सप्ताह पहले जमुनिहा निवासी अमृतलाल मिश्रा और अन्य लोगों के मवेशियों का शिकार किया है। शहरी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9 जमुनिहा हार मे बाघ की दहशत के कारण वार्डवासी डरे सहमें हैं। किसान अपने खेतों तक मे जाने से कतराने लगे हैं। डर के साये मे जीवन व्यतीत कर रहे वार्ड वासियों को हर पल बाघ का डर बना रहता है। जिससे वह घरों से निकल नही पा रहे हैं। बाघ ने दो दिन पहले एक भैंस का शिकार किया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत भर गई है। पिछले एक माह से शहर के नजदीक बाघ की मूवमेंट को लेकर कहा जा रहा है कि रात के अंधेरे मे बाघ घरों के आंगन तक जा पहुंचता है।
नवबंर से सक्रिय बाघ
बांधवभूमि ने पिछले महीने ही बता दिया था कि उमरिया शहर के निकट बाघ ने दस्तक दे दी है। यह बताने के ठीक तीन दिन बाद यह जानकारी भी सामने आ गई थी कि बाघ ने एक साथ तीन गायों का शिकार भी शहर से महज एक किलो मीटर की दूरी पर किया है। घटना स्थल पर गायों की पूंछ, चमड़ा और शरीर के दूसरे अंग पाए गए थे। दिसम्बर की 3 तारीख की सुबह किसान जब अपने खेतों पर पहुंचे तो उन्हें कुछ दूरी पर बंदरों की हरकत और पक्षियों का विचित्र कलराव सुनाई दिया। इससे उन्हें उस दिशा मे किसी जंगली जानवर के होने का संकेत मिल गया था बाद मे आशंका सत्य होती दिखाई देने लगी थी कि आसपास कहीं बाघ है।
नहीं हुई दहशत दूर
पिछले महीने ही घटना की जानकारी लगने के बाद वन अमला सक्रिय हो गया था और बाघ की तलाश शुरू कर दी गई थी लेकिन एक महीने बाद आज भी दहशत दूर नहीं हो पाई है। इस बारे मे जानकारी देते हुए एसडीओ आरएन द्विवेदी ने पिछले महीने बताया था कि वन अमला पिछले तीन दिनों से अपने स्तर पर पूरे क्षेत्र मे नजर बनाए हुए है और लोगों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। वन अमले के एक महीने से सक्रिय रहने के बाद भी बाघ शहर के निकट जमा हुआ है और लोगों की दहशत भी बरकरार है। इससे वन अमले के सक्रिय होने पर भी सवाल उत्पन्न किए जा रहे हैं।
फिर दिखे बाघ के पदचिन्ह
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