फिंगर प्रिंट से हुई गुमशुदा की पहचान

चार साल बाद वापस पहुंचा ऋषभ, परिजनो को मिली अपार खुशी
बांधवभूमि, उमरिया
आधुनिक तकनीक यूं तो जांच, पड़ताल और लोगों की खोजबीन आदि मे काफी कारगर हो चुकी है, परंतु जाने-अनजाने मे यह लोगों की भारी समस्यायें भी चुटकियों मे हल कर रही है। इसका ताजातरीन उदाहरण जिले के पथरहटा ग्राम से खोये बालक की 4 साल बाद इंदौर से हुई दस्तयाबी है। बताया गया है कि ऋषभ नाम का यह मूक-बधिर बालक पथरहटा से अचानक लापता हो गया। जिसके बाद परिजनो ने उमरिया थाने मे इसकी सूचना दर्ज कराई। कुछ दिनो बाद इसे सतना से जीआरपी द्वारा बालगृह रीवा पहुचा दिया गया। एक वर्ष बाद ही यह बालक इंदौर शिफ्ट हो गया। काफी समय बीतने के बाद भी बच्चे का कोई सुराग न मिलने से परिवार निराश हो चुका था, तभी ऐसी घटना घटित हुई, जिसने पल भर मे सारी समस्या का निदान ही कर दिया। दरअसल इंदौर की बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे का आधार कार्ड बनाने की कोशिश की जा रही थी, परंतु कम्प्यूटर मे उसके फिंगर प्रिंट एक्सेप्ट नहीं हो रहे थे। जिस पर लोगों को पूर्व मे ऋषभ का कार्ड बनने का अनुमान हुआ। जब इस दिशा मे जांच की गई तो नकेवल बालक के कार्ड खुलासा हो गया बल्कि उसमे दर्ज पिता का नाम, पता और मोबाईल नंबर भी सामने आ गया। जिसके बाद तत्काल परिवार से संपर्क किया गया और कुछ ही दिनो मे बालक अपने घर तक आ पहुंचा। बच्चे को सौंपने की कार्यवाही बाल कल्याण समिति द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर की गई। ऋषभ के परिजनो ने संस्था और बालगृह के पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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