फर्जी थी शोपियां मुठभेड़

आतंकी बता कर मारे गये तीन नागरिक, सेना को मिले साक्ष्य
नई दिल्ली। सेना को प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिले हैं कि जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सश सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस साल जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी और इसमें तीन लोग मारे गए थे । दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में सेना ने १८ जुलाई को तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था। श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर सामने आई उन रिपोर्ट के बाद जांच शुरू की, जिसमें दावा किया गया था कि जम्मू के राजौरी जिले के रहने वाले तीन व्यक्ति अमशीपुरा से लापता पाए गए थे। जांच को चार सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा, १९९० के तहत निहित शक्तियों का दुरूपयोग किया गया और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निधाॢरत नियमों का उल्लंघन किया गया। इसके मुताबिक, परिणामस्वरूप, सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए गए सैनिकों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।

 

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