फर्जी जस्टिस बन कर डीजीपी को फोन करवाने वाले IPS अफसर ने किया सरेंडर, सात महीने से थे फरार

फर्जी जस्टिस बन कर डीजीपी को फोन करवाने वाले
IPS अफसर ने किया सरेंडर, सात महीने से थे फरार

बांधवभूमि न्यूज, देश

संक्षिप्त

पटना
पटना हाईकोर्ट के फर्जी चीफ जस्टिस से बिहार की नीतीश कुमार सरकार के पुलिस महानिदेशक से अपनी पैरवी कराने वाले आईपीएस आदित्य कुमार को सात महीने में पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी। आदित्य ने अब खुद सरेंडर कर दिया है।

विस्तृत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह विभाग के मातहत काम करने वाली बिहार पुलिस पर जब अपने ही एक वरीय पुलिस अधीक्षक को आपराधिक केस में तलाशने की नौबत आयी तो तकनीकी अनुसंधान से लेकर मुखबिर संपर्क तक के सारे दावे खारिज हो गए। भारतीय पुलिस सेवा के अफसर रहे आदित्य कुमार ने एक-दो दिन नहीं, पूरे सात महीने तक छकाया। वह भी तब जब मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और बिहार के पुलिस महानिदेशक से जुड़ा था। आदित्य ने फर्जी चीफ जस्टिस से अपने लिए तत्कालीन असली डीजीपी एसके सिंघल तक पैरवी लगाई थी। चीफ जस्टिस बनकर कॉल करने वाला आदित्य का दोस्त पकड़ाने के बाद जेल जाकर जमानत पर छूट भी गया, लेकिन पुलिस अपने ही पूर्व अधिकारी को नहीं ढूंढ़ सकी। मंगलवार को आदित्य ने खुद सरेंडर किया तो उसे बेउर जेल भेज दिया गया।

क्या था मामला
बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर शराब माफियाओं के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने गया के फतेहपुर थाना में मामला दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था। एफआईआर होने के बाद IPS आदित्य कुमार ने अपने ऊपर से केस खत्म कराने और बेहतर पोस्टिंग के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से पटना उच्च न्यायालय  का चीफ ज़स्टिस बनकर बिहार के तत्कालीन DGP को फोन कराया था।

सुप्रीम कोर्ट का भी खटखटाया था दरवाजा
आदित्य कुमार ने अपने बेल के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार जनरल से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी और IPS आदित्य कुमार को उनके जमानत की अर्जी खारिज कर दी। उच्चतम न्यायालय ने फरार चल रहे IPS अधिकारी आदित्य कुमार को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था। 6 दिसंबर यानी बुधवार को उनकी यह तारीख खत्म हो रही थी। इस वजह से अंत में उन्होंने 5 दिसंबर मंगलवार को पटना के सिविल कोर्ट में एसीजेएम-1 की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने के बाद आरोपी IPS अधिकारी आदित्य कुमार के वकील ने कोर्ट से जमानत देने की अपील की, लेकिन न्यायालय ने इस मांग को खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।

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