पटना। बिहार के समस्तीपुर में रेलवे से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है। यहां एक इंजीनियर ने डिवीजन मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) का फर्जी आदेश दिखा कर पुराना स्टीम इंजन बेच दिया। पुराने जमाने का स्टीम इंजन पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास छोटी लाइन पर सालों से खड़ा था। मामला सामने नहीं आए इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर एक दरोगा की मदद से शेड के एंट्री रजिस्टर में एक पिकअप वैन की एंट्री करा दी गई, सिपाही संगीता कुमारी की रिपोर्ट के बाद इस मामले में जांच शुरू हुई और तब सच्चाई सामने आई। आरपीएफ दरोगा एमएम रहमान के बयान पर मंडल के बनमनकी पोस्ट पर एफआईआर दर्ज की गई है।
इसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव समेत सात लोग आरोपी बनाए गए हैं। वहीं डीआरएम अशोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर और हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार इंजीनियर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 14 दिसंबर 2021 को समस्तीपुर डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुनील यादव के साथ गैसकटर की मदद से स्टीम इंजन को कटवा रहे थे। आरपीएफ अधिकारी रहमान ने रोका तो उन्होंने वह फर्जी पत्र दिखाया और आरपीएफ को लिखित मेमो दिया कि इंजन का कबाड़, डीजल शेड में वापस ले जाना है। अगले दिन सिपाही संगीता ने स्कैप लोड पिकअप की एंट्री की तो देखा स्क्रैप नहीं था। इसकी जानकारी संगीता ने अधिकारियों को दी।
रिपोर्ट के अनुसार आरपीएफ ने मामले की पूछताछ की जिसमें पता चला है कि ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया है। मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल ने कहा डीजल शेड से जारी चिट्ठी की जांच शुरू हुई तो पता चला कि शेड ने ऐसी कोई भी चिट्ठी जारी करने से इनकार किया। दो दिनों तक स्क्रैप लोड की जानकारी नहीं मिली तब एफआईआर दर्ज कराई गई।
फर्जी चिट्ठी की मदद से बेच दिया ट्रेन का स्टीम इंजन, सिपाही की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
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