नई दिल्ली।कर्नाटक के पूर्व DGP प्रवीण सूद ने गुरुवार को CBI के डायरेक्टर का पदभार संभाल लिया है। 14 मई को उन्हें डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। 1986 बैच के IPS अधिकारी सूद दो साल तक इस पद पर रहेंगे। वे मई 2024 में रिटायर हो रहे हैं, लेकिन इस नियुक्ति के साथ ही उनका कार्यकाल मई 2025 तक बढ़ गया है। CBI के मौजूदा डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल आज समाप्त हो चुका है।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले 14 मार्च को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उन्हें नालायक कहा था। शिवकुमार ने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं। वह तीन साल से DGP हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ FIR होनी चाहिए।
शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन भाजपा नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया। हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी। शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन भाजपा नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया। हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी। शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
PM मोदी और CJI ने लगाई मुहर
13 मई की शाम PM मोदी, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवीई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच एक मीटिंग हुई थी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में CBI डायरेक्टर के पद के लिए तीन IPS अधिकारियों का चयन किया गया था। PM मोदी और CJI डीवीई चंद्रचूड़ ने प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगाई। सूद के नाम पर अधीर रंजन चौधरी को ऐतराज था।प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, जबकि मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर थीं। सूद की स्कूलिंग दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B Tech किया।1986 में वे 22 साल की उम्र में IPS बने। उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। सर्विस के दौरान ही उन्होंने IIM बेंगलुरु से पब्लिक पुलिस मैनेजमेंट में MBA पूरा किया। पुलिस सर्विस के शुरुआती दौर में वे बेल्लारी और रायचुर में SP रहे। इसके अलावा बेंगलुरु और मैसूरु में वे DCP भी रहे।सूद को 1996 में CM की ओर से गोल्ड मेडल मिल चुका है। इसके अलावा 2002 में पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस पदक दिया गया था। जून 2020 में प्रवीण सूद कर्नाटक के DGP बनाए गए थे।
13 मई की शाम PM मोदी, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवीई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच एक मीटिंग हुई थी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में CBI डायरेक्टर के पद के लिए तीन IPS अधिकारियों का चयन किया गया था। PM मोदी और CJI डीवीई चंद्रचूड़ ने प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगाई। सूद के नाम पर अधीर रंजन चौधरी को ऐतराज था।प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, जबकि मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर थीं। सूद की स्कूलिंग दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B Tech किया।1986 में वे 22 साल की उम्र में IPS बने। उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। सर्विस के दौरान ही उन्होंने IIM बेंगलुरु से पब्लिक पुलिस मैनेजमेंट में MBA पूरा किया। पुलिस सर्विस के शुरुआती दौर में वे बेल्लारी और रायचुर में SP रहे। इसके अलावा बेंगलुरु और मैसूरु में वे DCP भी रहे।सूद को 1996 में CM की ओर से गोल्ड मेडल मिल चुका है। इसके अलावा 2002 में पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस पदक दिया गया था। जून 2020 में प्रवीण सूद कर्नाटक के DGP बनाए गए थे।
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