प्रभारियों के मत्थेे जिले का प्रशासन

अधिकारियों की कमी से अस्त-व्यस्त व्यवस्था, परेशान हो रहे पक्षकार
बांधवभूमि, उमरिया
राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी का असर जिले के विकास तथा न्यायालयीन कार्यो पर पड़ रहा है। विशेष कर राजस्व मामलों के निराकरण की स्थिति बेहद खराब है। वर्षो से अदालतों के चक्कर काट रहे पक्षकारों को हर बार न्याय की जगह तारीख ही हांसिल हो रही है। उनका कहना है कि कोर्ट मे लंबित मामूली प्रकरणो के लिये कई पक्षकार सैकड़ों बार आ चुके हैं, परंतु उनकी सुनवाई नहीं हो सकी है। इस आने-जाने मे ही उनका हजारों रूपये पट्रोल और बसों के किराये की भेंट चढ़ चुका है। अधिकांशत: अधिकारी के उपलब्ध न रहने के कारण पेशी बढ़ा दी जाती है, और उन्हे हस्ताक्षर करके लौटना पड़ता है। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि रोजमर्रा के कार्यो के अलावा चुनाव, शासकीय कार्यक्रमो, मंत्रियों, वरिष्ठ अफसरों से लेकर पीएम और सीएम के लाइव प्रोग्रामो के इंतजाम का जिम्मा भी इन्हीे अधिकारियों पर है। जिसके चलते वे अपने मूल कामो के लिये पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं।
तीन अनुभाग, दो अधिकारी
गौरतलब है कि जिले मे तीन अनुभाग हैं, लेकिन अनुविभागीय अधिकारी महज दो ही हैं। अब तक एसडीएम बांधवगढ़ सुश्री नेहा सोनी के पास पाली अनुभाग का अतिरिक्त प्रभार था। हाल ही मे कलेक्टर द्वारा किये गये बदलाव के बाद डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम मानपुर सिद्धार्थ पटेल का तबादला बांधवगढ़ कर दिया गया है, सांथ ही उन्हे पाली की भी जिम्मेदारी दी गई है। जबकि सुश्री नेहा सोनी को मानपुर का एसडीएम बनाया गया है। ऐसे मे सबसे ज्यादा परेशानी बांधवगढ़ और पाली के नागरिकों तथा पक्षकारों को हो रही है। वहीं अधिकारियों का बहुत सारा समय एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच की भागदौड़ मे ही चला जाता है।
डिप्टी कलेक्टर के पद खाली
अधिकारियों की कमी का आलम यह है कि जिला मुख्यालय मे एक भी संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर नहीं है। इनका कार्य भी या तो एसडीएम कर रहे हैं, या फिर अपर कलेक्टर। बताया जाता है कि संयुक्त कलेक्ट्रेट का सारा भार अपर कलेक्टर पर है। जिन्हे न्यायालयीन प्रकरणो के अलावा कलेक्टर द्वारा प्रेषित शिकायतों की जांच और कार्यवाही भी करनी होती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न शाखाओं की नस्तियां भी उन्ही के मार्फत जाती हैं।
सात तहसीलें, तीन तहसीलदार
यही हाल तहसीलों का है। जिले मे बांधवगढ़, चंदिया, बिलासपुर, करकेली, नौरोजाबाद, पाली और मानपुर सहित कुल मिला कर 7 तहसीलें हैं। इसके विरूद्ध तहसीलदार महज तीन पदस्थ हैं, जिनमे से एक लूप लाईन मे रखे गये हैं, याने महज दो ही तहसीलों को तहसीलदार चला रहे हैं, शेष 5 तहसीलें नायब तहसीलदारों द्वारा संचालित की जा रही हैं।

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