पैर की उंगलियों से बनाई पेंटिग्स को शेयर कर ट्विटर पर फॉलो किया
खरगोन। मप्र खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग आयुष की अनूठी प्रतिभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपना कायल बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष को फॉलो कर उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग और यूट्यूब चैनल को प्रमोट भी किया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की है। आयुष का प्रधानमंत्री से मिलना खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के प्रयासों के चलते संभव हो पाया।
दिव्यांग युवक आयुष कुंडल की चित्रकला देश में लोगों काफी प्रभावित कर रही है। अपनी शारीरीक कमजोरी के बावजूद आयुष ने अपनी हुनर से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ आयुष की पेंटिंग की तारीफ की है बल्कि ट्विटर पर उन्हें फॉलो भी किया है। जन्म के बाद से ही आयुष कुंडल दिव्यांग थे, लेकिन उन्होंने अपनी इस कमजोरी के आगे कभी हार नहीं मानी। खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के प्रयासों के चलते दिव्यांग आयुष की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांग आयुष कुंडल की एक तस्वीर के साथ फोटो अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा कि आज आयुष कुंडल से मिलना मेरे लिए एक अविस्मरणीय क्षण बन गया। आयुष ने जिस प्रकार पेंटिंग में महारत हासिल की और अपनी भावनाओं को पैर की उंगलियों से आकार दिया, वो हर किसी को प्रेरित करने वाला है। अनवरत प्रेरणा मिलती रहे, इसलिए मैं उन्हें ट्विटर पर फॉलो कर रहा हूं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए आयुष कुंडल के यूट्यूब चैनल को भी प्रमोट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप आयुष कुंडल की पेंटिंग को जरूर देखें। आयुष ने अपनी पेंटिंग के लिए एक यूट्यूब चैनल भी बनाया है, जिसमें उनकी जिंदगी के अलग-अलग रंग समाहित हैं। अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर निकले खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की मुलाकात बड़वाह में दिव्यांग आयुष से हुई थी। उस वक्त आयुष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा और आज आयुष किया इच्छा पूरी हो गई। आयुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद बेहद खुश है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आयुष की पेंटिंग और उनकी हिम्मत देख उनके कायल हो गए हैं। 27 अप्रैल 1997 को जन्मे आयुष अपने शरीर के 80 फीसदी हिस्से में सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं। जिसकी वजह से वह दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए अपनी मां पर निर्भर रहते हैं। आयुष ने 10 साल की उम्र में दिव्यांग के एक स्कूल में दाखिला लिया था। उन्होंने धीरे-धीरे ड्राइंग और स्केचिंग में रुचि विकसित की। उनका कहना है कि जब उन्होंने रंग को भरना शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। आज वो पैरों की ऊंगलियों से रंग भरने महारत हासिल कर चुके हैं। चित्रकला प्रदर्शनी में कई पुरस्कार अपने नाम कर चुके आयुष दिव्यांग लोगों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए बड़वाह के दिव्यांग आयुष के मुरीद
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