प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री की अपील भी बेअसर

प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री की अपील भी बेअसर, दिल्ली की सर्दी में किसान अब भी डटे
नई दिल्ली । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद किसान आंदोलन जारी है। किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी और हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिल्ली में बढ़ती ठंड और सर्द हवा के बीच भी वे पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे आंदोलन जारी रहेगा। अब तक शनिवार ऐसा दिन रहा जब आंदोलन को लेकर कोई बड़ी हलचल नहीं रही। किसान आंदोलन पर डटे हुए हैं और सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है। उधर आंदोलन के समर्थन में देशभर में किसान एकजुट हो रहे हैं। वहीं मोबाइल चार्ज करने में परेशान न हो इसलिए किसान सोलर पैनल और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं। एक किसान अमृत सिंह ने बताया कि वे अपने साथ सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी। यहां कोई सुविधा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार क्या सुविधा देगी, वह तो हमारी मांग तक नहीं मान रही है।
बेनीवाल ने संसदीय समितियों से दिया इस्तीफा
किसानों के आंदोलन के सहयोग और तीनों कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद की तीन समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बेनीवाल ने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा है। जानकारी के मुताबिक अपने इस्तीफे में हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों को विरोधी बताया है।
बेनीवाल ने कहा कि 26 दिसंबर को वह दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा। बिरला को भेजे पत्र में बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति से इस्तीफा देने बात की है।
मोदी की मां से ब्रिटेन के सिखों की अपील
अपने बेटे से कहें, किसान आंदोलनकारियों की माताओं को बदनाम न होने दें
ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड शहर की सिख एसोसिएशन ने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा को खत लिखा है। ब्रिटिश एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन ऑफ सिख ने लिखे खत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर कुछ लोग पंजाब की माताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए और आपको अपने बेटे से इस बारे में बात करनी चाहिए। ब्रिटिश एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन ऑफ सिख के अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह दुग्गल ने कहा, कुछ महिलाएं भाजपा के समर्थन में पंजाब की मांओं के बारे में गलत प्रचार कर रही हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट भी इनके बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
लोगों की बात सुनना नेता का फर्ज
त्रिलोचन सिंह दुग्गल ने कहा, सभी को उनका हक मिलना चाहिए। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र लोगों के दिल की आवाज है। लोग अपना नेता चुनते हैं। इन हालात में लोगों को सुनना नेता का फर्ज हो जाता है। चाहे मां पंजाब की हो या किसी और राज्य की। हमें मानवता को समझना चाहिए। दुग्गल ने बताया, हमने देखा कि कंगना रनोट समेत कुछ महिलाएं जो भाजपा का समर्थन करती हैं, मांओं के बारे में गलत भाषा का इस्तेमाल करतीं हैं। इस बारे में हमारी ओर से यह एक इमोशनल अपील है कि कंगना रनोट भी भारतीय हैं और भारत की हर लड़की का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर उन्होंने गलती की है, तो एक बुजुर्ग के रूप में प्रधानमंत्री को उन्हें रोकना चाहिए।

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