प्रकृति का अनुपम उपहार हैं वन्यजीव

प्रकृति का अनुपम उपहार हैं वन्यजीव

बांधवगढ़ से सटे ग्राम गाटा मे आयोजित हुआ बघेसुर महोत्सव, 

बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी

मध्यप्रदेश
उमरिया
मानपुर। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन जंगल से सटे ग्रामों मे निवासरत लोगों को वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिये लगातार गतिविधयों का आयोजन कर रहा है। इस दौरान नकेवल ग्रामीणो को दुर्लभ जीवों तथा वनों के संबंध मे जानकारी दी जा रही है, बल्कि उनके खुद की समस्याओं का निराकरण भी किया जा रहा है। इसी मुहिम के तहत मंगलवार को मानपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम गाटा स्थित शासकीय प्राथमिक शाला मे बघेसुर महोत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे नेशनल पार्क के उप संचालक पीके वर्मा, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, एसडीओ फारेस्ट दिलीप कुमार मराठा, जिला समन्वयक ग्रामीण आजीविका मिशन चंद्रभान सिंह, रेंजर मानपुर एवं ताला, आजीविका मिशन से जिला प्रबंधक तृप्ति गर्ग, पुष्पेंद्र द्विवेदी, शरद, कपिल डॉन, नारायण आदि के बड़ी संख्या मे ग्रामीणजन उपस्थित थे।

क्षेत्रवासी लें सुरक्षा का संकल्प
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेशनल पार्क के उप संचालक पीके वर्मा ने कहा कि बांधवगढ़ के सुरम्य जंगल और अमूल्य जीव यहां के लोगों के लिये प्रकृति का अनुपम उपहार हैं। वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा का दायित्व हम सभी पर है। सभी का मानना है कि मानव, वन्य जीवों के सांथ वन भी सुरक्षित रहें। जंगल के बिना मानव का जीवन अधूरा है। जंगल से मानव को विभिन्न प्रकार के फल, फूल प्राप्त होते हैं। इस अवसर पर सभी क्षेत्रवासी संकल्प लें कि जंगल एवं वन्य प्राणियों को कभी नुकसान नही पहुचायेंगे।

द्वंद रोकने सामंजस्य जरूरी: इला
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि वन्य जीवों एवं ग्रामीण जनों के बीच द्वंद नही हो, इसके लिए सामंजस्य जरूरी है। इसके सांथ ही स्वच्छता जरूरी है। ग्रामीणजन शौचालय का उपयोग करें।  ग्राम मे साफ  सफाई का वातावरण रखें ताकि सैलानियों के मन मे पार्क क्षेत्र के प्रति अच्छी छवि बने। यदि ग्राम सुंदर एवं साफ  रहेगा तो टूरिस्ट होम स्टे भी कर सकते हैं। इससे ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध हो सकेगा। श्रीमती तिवारी ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रही है, इससे वे सशक्त हुई है तथा ग्राम व समाज भी समृद्ध हुआ है।

अतिथियों को परोसे पारंपरिक व्यंजन
समारोह मे सिया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कुटकी की खीर, रबड़ी, गुलाब जामुन तैयार किया था। जबकि मां लक्ष्मीे स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा इन्द्रहर की कढ़ी, सब्जी, चावल, श्रद्धा स्व सहायता समूह की महिलाओ ने बरा, मंगौड़े, महावीर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुनगा के पत्ते की भजिया, चटनी तथा गणेश स्व सहायता समूह की महिलाओं ने चना, भाजी, चटनी बनाई थी। जिसका स्वाद अतिथियों ने चखा एवं व्यंजन तैयार करने वाली स्वा सहायता समूह की महिलाओ को सम्मानित किया।

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