पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण था हॉटसीट पर बैठना
केबीसी मे झंडे गाडऩे वाले शहर के होनहार बेटे प्रांशु ने माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
उमरिया। देश के लोकप्रिय टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति के होस्ट, महानायक अमिताभ बच्चन से मिलना पैसे जीतने से कई गुना ज्यादा महत्वपूर्ण था। यह सपना मेरी नन्ही आखों ने बचपन मे देखा था। जो कई वर्ष बाद कड़ी मेहनत और तपस्या के कारण अंतत: पूरा हुआ। यहां तक पहुंचने की प्रेरणा मुझे सही मायने मे मेरे माता-पिता और अनन्य सहयोगी छोटे भाई शिंशुप्रभात त्रिपाठी तथा ईष्ट मित्रों से मिली। उक्त आशय के उद्गार इन दिनो नकेवल जिले बल्कि पूरे विंध्य मे चर्चित उमरिया के होनहार बेटे प्रांशु त्रिपाठी ने बांधवभूमि से चर्चा के दौरान व्यक्त किये। प्रांशु के कार्यक्रम का प्रसारण गुरूवार 23 सितंबर को रात्रि 9 बजे से शुरू हुआ। जिसका इंतजार सभी को था, जैसे ही यह शो शुरू हुआ लोग सारे काम छोड़ कर टीवी से चिपक गये। इसके अलावा मुरादगाह के पास कार्यक्रम के प्रसारण हेतु प्रोजेक्टर लगाया गया था, जिसे देखने के लिये भारी मात्रा मे स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
रोमांचकारी था अनुभव
पेशे से शिक्षक प्रांशु का चयन बीते दिनो कौन बनेगा का करोड़पति शो के लिये हुआ था। बुलावा आने पर वे अपनी माता श्रीमती गायत्री त्रिपाठी और पिता श्री केपी त्रिपाठी के सांथ मुंबई पहुंचे। प्रांशु ने बताया कि शो मे पहुंचने के बाद उनकी पूरी जिज्ञासा ईनाम से कहीं ज्यादा भारत के लोकप्रिय अभिनेता अमिताभ बच्चन से मिलने और उन्हे करीब से देखने मे थी। वह पल रोमांच से भरा हुआ था। अमित जी के प्रश्न पूंछने का ढंग और उनकी प्रतिक्रिया मन को उत्साह से भर देती है।
मांग लिया बिग बी का कोट
इस शो मे प्रांशु ने अमित जी के प्रश्नो का बेहद सहजता से उत्तर देते हुए 50 लाख रूपये तक का सफर पूरा किया। सांथ ही अमिताभ बच्चन के कोट की तारीफ की, जिस पर उन्होने खेला खत्म होने के बाद इसे देने का वादा किया। केबीसी विजेता प्रांशु ने बताया कि वादे के मुताबिक बिग बी द्वारा भेजा गया कोट उन्हे मिल गया है।
चुनौतियों से भरा सफर
गौरतलब है कि आजाक विभाग मे जिला संयोजक पद से सेवानिवृत्त कंचन प्रसाद त्रिपाठी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग मे पर्यवेक्षक श्रीमती गायत्री त्रिपाठी के ज्येष्ठ पुत्र प्रांशु ने बीएससी मैथ, एमएससी केमेस्ट्री व डी लेट की शिक्षा गृहण की हैं। वर्तमान मे वे शासकीय हाई स्कूल तामान्नारा मे अतिथि शिक्षक के रूप मे अपनी सेवायें दे रहे हैं। उनका जन्म लटेगांव मैहर जिला सतना मे हुआ था। वर्तमान मे वे दुबे कलोनी चंदवार रोड मे अपने परिवार के साथ निवासरत हैं। केबीसी मे पहुंचने के बाद से प्रांशु चर्चाओं मे हैं। वहीं इस उपलब्धि पर ईष्ट मित्र व राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधि निवास पर पहुंच कर उन्हे लगातार बधाईयां दे रहे हैं। प्रांशु के अनुसार यह सफर बेहद चुनौतियों भरा रहा। यहां पहुंचने के लिये उन्होने नेट, यू ट्यूब से लेकर सामान्य ज्ञान के विषय मे जहां से जो मिला उसे गृहण किया। इसी नतीजा है कि उन्हे यह सफलता मिल सकी।