राज्यों की मंजूरी के बाद ही फैसला होगा: सीतारमण
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि के लिए रहा है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से उपलब्ध है। मेरे पूर्ववर्ती ने इस संदर्भ में विकल्प खुला रखा है। पेट्रोलियम उत्पाद जैसे कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन अभी जीएसटी से बाहर है। इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में माल एवं सेवा कर परिषद को विचार करना है। वित्त मंत्री ने कहा, राज्यों के सहमत होने के बाद ही पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 फरवरी को दिल्ली में होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है की पिछले तीन-चार साल से सार्वजनिक पूंजी व्यय पर जोर रहा है। हमने इस बजट में भी इसे जारी रखा है और यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि इस बजट में जोर पूंजी व्यय पर है। पिछले कई साल में पहली बार पूंजीगत व्यय दहाई अंक में पहुंचा है। उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत अनेक क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड लागू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पेट्रोल-डीजल पर लगेगा जीएसटी
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