पेट्रोलियम के बाद अब बिल का करंट

बिजली कंपनियों ने दिया 70 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

भोपाल। मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर बिजली का झटका देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस बार विद्युत कंपनियों ने बिजली कनेक्शन सहित अन्य चार्जेस में बेतहाशा वृद्धि करने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश विद्युत नियामक को भेजा है। उपभोक्ताओं से 30 सितंबर तक आपत्ति आमंत्रित की गई हैं। इससे पहले भी बिजली कंपनी दर बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेज चुकी हैं। लेकिन तब आपत्तिकर्ताओं के विरोध के बाद प्रस्ताव वापस ले लिया गया था। एक बार फिर उन्हीं बढ़ी हुई दरों के साथ फिर प्रस्ताव भेजा गया है। बिजली कंपनियों ने सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर नए कनेक्शन लेने और विभिन्न प्रकार के सेवा शुल्कों में 68 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव फिर से भेजा है। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग इन पर 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। विद्युत नियामक आयोग ने शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं से 30 सितम्बर तक आपत्ति मांगी है। आपत्तियों पर पांच अक्टूबर को सुनवाई होगी। बता दें कि इससे पहले भी बिजली कम्पनियों ने इतनी ही वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था। विद्युत नियामक आयोग में 6 जुलाई को आयोजित जनसुनवाई में बिजली उपभोक्ताओं, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित वृद्धि का विरोध किया था। इसके बाद शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव को टाल दिया गया था।
नहीं दिया खर्च का ब्योरा
सेवानिवृत्त एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बिजली कम्पनियों ने पिछले वर्षों में उपरोक्त मदों से प्राप्त आय के वास्तविक खर्च की जानकारी नहीं दी है। बिजली कंपनियों ने थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढऩे का हवाला देते हुए दरों में वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है, जिसका विद्युत अधिनियम 2003 या अन्य किसी रेगुलेशन में सम्बद्ध करने का कोई प्रावधान नहीं है।
दर बढ़ाने का प्रस्ताव
बिजली कंपनियों की तरफ से इसके पहले भी इन्हीं दरों के साथ प्रस्ताव भेजा गया था जिस पर करीब 20 उपभोक्ताओं और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने 6 जुलाई 2021 को हुई जन सुनवाई में विरोध किया था। विरोध को देखते हुए तब शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव को टाल दिया गया था। लेकिन अब उन्हीं बढ़ी दरों के साथ फिर से प्रस्ताव भेजा गया है। अब इस प्रस्ताव पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।
उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
बिजली विभाग के जानकार और याचिकाकर्ता राजेंद्र अग्रवाल का कहना है वर्तमान परिस्थितियों में वाणिज्य और औद्योगिक क्षेत्र मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे हालातों में अगर बिजली कंपनियां विभिन्न सेवाओं की शुल्क में वृद्धि करेंगी तो उसका असर आम उपभोक्ता पर जरूर पड़ेगा। लिहाजा इस वृद्धि को तत्काल वापस लेना चाहिए।

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