पेगासस ने मचाया सियासत मे भूचाल

संसद के बजट सत्र पर पड़ सकता है जासूसी कांड का साया
नई दिल्ली।पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे ने सियासत में एक बार फिर भूचाल ला दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि न सिर्फ राहुल गांधी, बल्कि पूर्व पीएम, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी की भी जासूसी की गई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘देशद्रोह’ का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है।  वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 2017 में भारत और इस्राइल के बीच जो रक्षा सौदा हुआ था, उसमें पेगासस स्पाईवेयर और एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी। इजराइल से मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए कई गई 2 अरब डॉलर की भारी भरकम डील के दौरान उससे पेगासस स्पाइवेयर भी खरीदा था।वहीं पेगासस सॉफ्टवेयर से जुड़े मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के तहत एक कमेटी कर रही है और इसकी रिपोर्ट का इंतजार है। अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश रवींद्रन की देखरेख में एक समिति का गठन किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि यह साफ है कि सरकार ने संसद से झूठ बोला था। जबकि कांग्रेस लंबे समय से कहती आ रही है कि मोदी सरकार इजरायली निगरानी स्पाइवेयर पेगासस से अवैध और असंवैधानिक जासूसी करवा रही है। हम सदन में जिम्मेदारी तय करेंगे।
नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस के तेवर से साफ है कि अगले सप्ताह से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में विपक्ष पेगासस मामले को मुख्य मुद्दा बनाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जासूसी कांड पर नए खुलासे के तुरंत बाद पार्टी रणनीतिकारों ने विपक्ष के अन्य दलों के साथ विपक्षी एकजुटता को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर टीएमसी, शिवसेना समेत कई अन्य दल भी कांग्रेस के साथ आ सकते हैं और सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की जा सकती है। जासूसी कांड के लेकर ममता बनर्जी पहले ही सरकार पर हमलावर रही हैं। माना जा रहा है कि संसद में बजट पेश होने के बाद दोनों सदनों में इस राजनीतिक एजेंडे को लेकर विपक्ष का राजनीतिक संग्राम हो सकता है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पिछले साल संसद में इस मुद्दे को उठाया था और वह इसे फिर से उठाएगी।
पिछले साल मानसून सत्र में क्या हुआ था?
पिछले साल संसद के मानसून सत्र में भी पेगासस जासूसी कांड को विपक्ष ने जबरदस्त मुद्दा बनाया था। पेगासस मुद्दे ने पिछले साल संसद के मानसून सत्र को हिलाकर रख दिया था और विपक्षी दलों ने घोटाले पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों को बाधित कर दिया था। संसद में करीब दो हफ्ते तक इस पर टकराव चला। विपक्ष की एकजुटता और बहस की अपनी मांग से पीछे नहीं हटने के चलते दोनों सदनों में सियासी घमासान थमने के आसार नजर नहीं आ रहे थे। जानकारों का मानना है कि कुछ ऐसे ही आसार इस बार भी नजर आ रहे हैं कि संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार हो सकता है और विपक्ष सरकार से इस पर जवाब मांग सकती है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल 18 जुलाई को लोकसभा में पेगासस को दिए बयान में भारत सरकार की ओर से इसके इस्तेमाल के आरोपों को खारिज किया था।
पेगासस कब आया चर्चा में
सबसे पहले यह मामला 2019 में सुर्खियों में आया था। इसके जरिए करीब 1400 पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कई राजनेताओं के फोन की जासूसी का आरोप लगा था। पेगासस के शिकार व्यक्तियों के फोन के वॉट्सऐप समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को हैक किए जाने का आरोप लगा था। जुलाई 2021 में एक मीडिया ग्रुप ने खुलासा किया था कि पेगासस जासूसी स्पाइवेयर से भारत समेत दुनिया भर के कई बड़े नेताओं, बिजनेसमैन और पत्रकारों की जासूसी हो रही है। जिन प्रमुख लोगों के फोन की पेगासस के जरिए निगरानी की बात गई उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व चुनाव आयोग के सदस्य अशोक लवासा, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल सहित कश्मीर के अलगवादी नेताओं और कई पत्रकारों के नाम भी शामिल हैं।
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