बड़छड़ मे युवक की संदिग्ध मौत पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे ग्रामीण
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। जनपद क्षेत्र के ग्राम बड़छड़ मे युवक की संदिग्ध मौत को लेकर चल रहा आंदोलन पुलिस की समझाईश के बाद अंतत: समाप्त हो गया। हलांकि इसके लिये प्रशासन के अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। उनके द्वारा मृतक के परिजनो को यह आश्वासन दिया गया है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तथा जांच के बाद दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जायेगा। तब जाकर मामला शांत हुआ और युवक का अंतिम संस्कार किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुखसेन पिता स्व. गोविंद जायसवाल निवासी ग्राम बड़छड़ 25 की गत दिवस अचानक तबियत बिगड़ी। जिस पर युवक को कटनी जिले के बरही ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद परिवार के लोगों ने गांव के कमलेश जायसवाल और ज्ञानी चौधरी पर सुखसेन को शराब मे जहर मिला कर मारने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं वे मृतक का शव पुलिस चौकी ले आये और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।
कलेक्टर, एसपी ने भेजी टीम
घटना की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा के निर्देश पर एएसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया, एसडीएम सुश्री नेहा सोनी एवं एसडीओ जितेन्द्र जाट मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने ग्रामीणो को आश्वस्त किया कि किसी भी आरोपी को बक्शा नहीं जायेगा। रिपोर्ट जरा भी संदिग्ध आने पर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। इस पर ग्रामीणो ने आंदोलन समाप्त किया और युवक का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गये।
दिमागी हालत खराब होने का फायदा उठा कर हथियाई जमीन
मृतक के संबंधियों ने इस संबंध मे बताया कि एक सड़क दुर्घटना के बाद सुखसेन जायसवाल की दिमागी हालत खराब थी, जिसका फायदा उठा कर कमलेश जायसवाल और ज्ञानी चौधरी ने उमरिया मे चोरी छिपे जमीन की रिजस्ट्री करा ली। उनका आरोप है कि मृतक को महज 10 डिसमिल जमीन खरीदने की बात बताई गई। पहली रिजस्ट्री 10 अक्टूबर तथा दूसरी रजिस्ट्री 10 दिसंबर 2022 को कराई गई। इसी तरह तीसरी बार 4 जनवरी को भी एक रजिस्ट्री करा कर करीब 93 डिसमिल जमीन आरोपियों ने अपने नाम करा ली। इसकी भनक परिवार के लोगों को तब लगी जब मृतक का चचेरा भाई जमीन पर पिलर खोदने लगा, जिस पर कमलेश और ज्ञानी ने रजिस्ट्री दिखा कर स्टे लगवा दिया। जब रजिस्ट्रार आफिस जाकर पता किया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।
मां को बताया फौत, बाकी हिस्सेदारों को भी भनक नहीं
मृतक के परिजनो के अनुसार उक्त भूमि के 5 मालिक हैं। क्रेताओं ने कूटरचना कर रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से मां को फौत बता कर मात्र सुखसेन की दस्तखत से भूमि का पंजीयन करा लिया।
शराब मे मिला कर पिला दिया जहर
बताया गया है कि जमीन की रजिस्ट्री कुल 5 लोगों ने कराई है। जब मामले का खुलासा हुआ तो आरोपियों ने सुखसेन को मौत की नींद सुलाने की साजिश रच दी। गत 13 जनवरी 23 को मृतक रोड पर खड़ा था, तभी कमलेश और ज्ञानी आये और उसे अपने सांथ ले गये। कहा जाता है कि इसी दौरान शराब मे जहर मिला कर उसे पिला दिया गया। इस बात की जानकारी अस्पताल ले जाते समय मृतक ने अपने परिजनो को दी थी।
पुलिस की समझाईश पर उठाया शव
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