पीएसएलवी-सी – 55 सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी – 55 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया और पृथ्वी की निगरानी के लिए सिंगापुर के दो सेटेलाइट को तय कक्षा में स्थापित किया। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, बधाई हो पीएसएलवी-सी – 55/टेलीओएस-2 मिशन, पीएसएलवी ने दोनों उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया है। प्रक्षेपण के बारे में एस सोमनाथ ने कहा कि ध्रुवीय उपग्रह (पोलर सैटेलाइट) लॉन्च व्हीकल ने अपनी 57वीं उड़ान में एक बार फिर कामर्शियल लॉन्च के लिए अपनी विश्वसनीयता और उपयुक्तता का प्रदर्शन किया। इसरो प्रमुख ने कहा, यह पूर्व दिशा की ओर एक मिशन था। झुकाव 9।9 डिग्री था, जो कि बहुत सटीक रहा। पीएसएलवी ने अपनी 57वीं उड़ान में एक बार फिर इस वर्ग के वाणिज्यिक मिशनों के लिए अपनी उच्च विश्वसनीयता और उपयुक्तता का प्रदर्शन किया है। यह उपग्रह इसरो की व्यावसायिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को मिले अनुबंध का हिस्सा हैं।रॉकेट प्राथमिक उपग्रह के रूप में ‘टेलीओएस-2 और सह-यात्री उपग्रह के रूप में ‘ल्यूमलाइट-4 को लेकर रवाना हुआ तथा दोनों उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थपित कर दिया।शुक्रवार को शुरू हुई 22।5 घंटे की उलटी गिनती के अंत में 44।4 मीटर लंबा रॉकेट आज चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रथम लॉन्च पैड से शानदार ढंग से रवाना हुआ। एस सोमनाथ ने कहा कि, ‘‘इस मिशन में, हमारे पास पीएसएलवी का एक ‘कोर अलोन कॉन्फिगरेशन था, जिसमें रॉकेट की लागत को कम करने और इसके एकीकरण समय को कम करने के लिए कई विशिष्टताएं और सुधार किए गए। आने वाले समय में पीएसएलवी के उत्पादन और प्रक्षेपण में वृद्धि का लक्ष्य है। मिशन निदेशक एसआर बीजू ने कहा कि पूरी तरह से समर्पित वाणिज्यिक मिशन को अत्यंत सटीकता के साथ अंजाम दिया गया। प्राथमिक उपग्रह ‘टेलीओएस-2 एक सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह है, जो सिंगापुर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी तथा एसटी इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है।इसका उपयोग सिंगापुर सरकार की विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह तस्वीर संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। टेलीओएस-2 में सिंथेटिक अपर्चर रडार उपकरण है। इसका उपयोग हर मौसम में दिन-रात कवरेज प्रदान करने के लिए किया जाएगा। सह-यात्री उपग्रह ‘ल्यूमलाइट-4 को सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के इन्फोकॉम रिसर्च एंड सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर द्वारा सह-विकसित किया गया है। इसरो ने कहा कि इस उपग्रह का उद्देश्य सिंगापुर की ‘ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और वैश्विक नौवहन समुदाय को लाभ पहुंचाना है।

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