पीएम मोदी मन की बात-त्योहार पर मर्यादा में रहें, वीर सपूतों के नाम पर जलाएं दीया

पीएम मोदी की देशवासियों से अपील
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने दशहरा की शुभकामनाओं के साथ की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार जब आप खरीदारी के लिए जाएं तो वोकल फोर लोकल के अपने संकल्प को याद रखें। उन्होंने देशवासियों से दीपावली के मौके पर एक दीया भारत के वीर सपूतों के सम्मान में जलाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अपने छोटे-छोटे प्रयासों के जरिए एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपनों में रंग भरने हैं। इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल, इंदिरा गांधी और महर्षि वाल्मिकी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर में नई संभावनाएं बनता देख, हमारे युवा भी काफी संख्या में इससे जुड़ने लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा देश प्रतिभाओं से भरा हुआ है। अंत में उन्होंने लोगों से प्रतिभावान लोगों के बारे में बात करने, लिखने और उनकी सफलताओं को शेयर करने का आग्रह किया। यहां पढ़ें प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें-
शिक्षा गुरुओं ने सद्कार्यों से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया
हमारे शिक्षा गुरुओं ने भी अपने जीवन और सद्कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है। पिछली शताब्दी में हमारे देश में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर जैसी महान विभूतियां रही हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया।
आदि शंकराचार्य ने भारत में स्थापित किए चार मठ
केरल में जन्मे पूज्य आदि शंकराचार्य जी ने भारत की चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठों की स्थापना की- उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पुरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका। उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की, यही कारण है कि वहां एक शंकराचार्य हिल है। तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता है। ज्योर्तिलिंगों और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को एक सूत्र में बांधती है।
हमारा देश प्रतिभावान लोगों से भरा हुआ है
आज मन की बात में देशवासियों की असाधारण उपलब्धियां, हमारे देश, हमारी संस्कृति के अलग-अलग आयामों पर, आप सबसे बात करने का अवसर मिला। हमारा देश प्रतिभावान लोगों से भरा हुआ है। अगर, आप भी ऐसे लोगों को जानते हों, तो उनके बारे में बात कीजिए, लिखिए और उनकी सफलताओं को शेयर कीजिए।
एग्रीकल्चर सेक्टर में हैं कई संभावनाएं
मेरे प्यारे देशवासियों, लॉकडाउन के दौरान टेक्नोलॉजी-बेस्ड सर्विस डिलीवरी के कई प्रयोग हमारे देश में हुए हैं और अब ऐसा नहीं रहा कि बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स कंपनीज ही यह कर सकती हैं। साथियों, एग्रीकल्चर सेक्टर में नई संभावनाएं बनता देख, हमारे युवा भी काफी संख्या में इससे जुड़ने लगे हैं।
पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है
मेरे प्यारे देशवासियों आज, कश्मीर का पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज देश-भर में बच्चे अपना होम वर्क करते हैं, नोट्स बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है। साथियों, पुलवामा की अपनी यह पहचान तब स्थापित हुई है, जब यहां के लोगों ने कुछ नया करने की ठानी, काम को लेकर रिस्क उठाया, और खुद को उसके प्रति समर्पित कर दिया। ऐसे ही कर्मठ लोगों में से एक हैं- मंजूर अहमद अलाई।
इंदिरा गांधी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं
31 अक्तूबर को भारत की पूर्व- प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी को हमने खो दिया। मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूं।
महर्षि वाल्मीकि को करता हूं नमन
साथियों, इस महीने की 31 तारीख को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। आप लोग भी जरूर जुड़िएगा। मेरे प्यारे देशवासियों, 31 अक्तूबर को हम ‘वाल्मीकि जयंती’ भी मनाएंगे। मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूं और इस खास अवसर के लिए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है
वैसे, ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बांटने का प्रयास करते हैं। हमें निरंतर अपनी क्रिएटिविटी से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है, एकता के नए रंग भरने हैं, और हर नागरिक को भरने हैं। इस संदर्भ में मैं, आप सबसे, एक वेबसाइट देखने का आग्रह करता हूं। इसमें नेशनल इंटीग्रेशन की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे।
उन चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें एक करें
आज हमें अपनी वाणी, अपने व्यवहार, अपने कर्म से हर पल उन सब चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें ‘एक’ करें, जो देश के एक भाग में रहने वाले नागरिक के मन में, दूसरे कोने में रहने वाले नागरिक के लिए सहजता और अपनत्व का भाव पैदा कर सके हमारे पूर्वजों ने सदियों से ये प्रयास निरंतर किए हैं। त्रिपुरा से लेकर गुजरात तक, जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित, हमारे, आस्था के केंद्र, हमें ‘एक’ करते हैं। भक्ति आंदोलन पूरे भारत में एक बड़ा जन-आंदोलन बन गया, जिसने, हमें, भक्ति के माध्यम से एकजुट किया।
सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित किया
कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्तूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे। क्या आप सरदार पटेल के बारे में एक बात जानते हैं जो उनके सेंस ऑफ ह्यूमर को दर्शाती है। बापू ने सरदार पटेल के बारे में कहा था- उनकी विनोदपूर्ण बातें मुझे इतना हंसाती थी कि हंसते-हंसते पेट में बल पड़ जाते थे, ऐसा दिन में एक बार नहीं, कई-कई बार होता था। इसमें, हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न हों, अपने सेंस ऑफ ह्यूमर को जिंदा रखिए। मेरे प्यारे देशवासियों, सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने भारतीय जनमानस को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा। उन्होंने आजादी के साथ किसानों के मुद्दों को जोड़ने का काम किया। उन्होंने राजे-रजवाड़ों को हमारे राष्ट्र के साथ एक करने का काम किया।
भारत में अनेक लोग हैं जिन्हें ज्ञान के प्रसार से खुशी मिलती है
साथियों आपको ये जानकार खुशी होगी कि पूरे भारत में अनेक लोग हैं जिन्हें ज्ञान के प्रसार से अपार खुशी मिलती है। ये वो लोग हैं जो हमेशा इस बात के लिए तत्पर रहते हैं कि हर कोई पढ़ने के लिए प्रेरित हों। इसके साथ ही गुजरात के भावनगर की भी दो संस्थाओं के बारे में जानता हूं जो बेहतरीन कार्य कर रही हैं। उनमें से एक है ‘विकास वर्तुल ट्रस्ट’।
मार्शल आर्ट्स सीखें युवा साथी
साथियों, हमारे देश मे कितनी ही मार्शल आर्ट्स हैं। मैं चाहूंगा कि हमारे युवा-साथी इनके बारे में भी जाने, इन्हें सीखें। मेरे प्यारे देशवासियों कहा जाता है ‘लर्निंग इज ग्रोइंग’। आज ‘मन की बात’ में, मैं आपका परिचय एक ऐसे व्यक्ति से कराऊंगा जिसमें एक अनोखा जुनून है। ये जुनून है दूसरों के साथ रीडिंग और लर्निंग की खुशियों को बांटने का।
हमें अपनी चीजों पर करना चाहिए गर्व
मेरे प्यारे देशवासियों, जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है। जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। भारत में तो प्रचीन काल से कई ऐसे खेल रहे हैं, जो हमारे भीतर, एक असाधारण विकास करते हैं। हमारे माइंड, बॉडी बैलेंस को एक नए आयाम पर ले जाते हैं। लेकिन संभवतः नई पीढ़ी के हमारे युवा साथी, मलखंब से उतना परिचित ना हों। आप इसे इंटरनेट पर जरूर सर्च करिए और देखिए।
हमारे कई लोकल प्रोडक्ट्स में है ग्लोबल बनने की शक्ति
मेरे प्यारे देशवासियों, आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे लोकल प्रोडक्ट्स की फैन हो रही है। हमारे कई लोकल प्रोडक्ट्स में ग्लोबल होने की बहुत बड़ी शक्ति है। जैसे एक उदाहरण है- खादी। खादी की पॉपुलैरिटी तो बढ़ ही रही है, साथ ही, दुनिया में कई जगह, खादी बनाई भी जा रही है। मेक्सिको में एक जगह है ओहाका। इस इलाके में कई गांव ऐसे है, जहां स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है। आज, यहां की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। साथियों, दिल्ली के कनॉट प्लेस के खादी स्टोर में इस बार गांधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई। इसी तरह कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत पॉपुलर हो रहे हैं।
एक दीया भारत माता के वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में जलाएं
साथियों, त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए। लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है जिनके बिना हमारा जीवन बहुत मुश्किल हो जाता। कठिन समय में ये ये आपके साथ थे, अब अपने पर्वों में अपनी खुशियों में भी हमें इनको साथ रखना है। हमें अपने उन जाबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है।
वोकल फोर लोकल का संकल्प याद रखें
पहले, दुर्गा पंडाल में, मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी- एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नही हो पाया। इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो ‘वोकल फोर लोकल’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।
विजयादशमी की शुभकामनाएं
मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार। आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है | इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। पहले दशहरे पर बड़े-बड़े मेले लगते थे उसका आकर्षण भी बहुत रहता था। लेकिन कोरोना के संकट काल में हमें संयम से काम लेना है। मर्यादा में रहना है।
पीएम मोदी की देशवासियों से अपील- त्योहार पर मर्यादा में रहें, वीर सपूतों के नाम पर जलाएं दीया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए संबोधित कर रहे हैं। यह उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम की 70वीं है। इसे आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जा रहा है।

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