नई दिल्ली। भारत में 25 साल बाद इंटरपोल की महासभा की बैठक हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित कर कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अहम भूमिका निभाने वाला देश हैं, आजादी से पहले भी हमने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने आतंकवाद जैसे खतरे से निपटने के लिए दुनिया को एक सात आने की अपील की। बता दें कि इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समय भारत और इंटरपोल दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत 2022 में आजादी के 75 साल मना रहा है। यह हमारी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों का उत्सव है। इंटरपोल एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में यह अपने 100 साल पूरे करेगा। यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में शीर्ष भूमिका निभाने वालों में से एक है। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य कानूनों को लागू करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है। पिछले 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यहां बताना जरूरी है कि महासभा, इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है। इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा होती और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं। माना जा रहा है कि मंगलवार को हो रही बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा होगी। इंटरपोल महासभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उसके महासचिव महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहने वाले हैं।
भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के बाद हो रही है। पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बार की महासभा का आयोजन नई दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है। पीएमओ ने कहा कि यह आयोजन भारत की कानून और व्यवस्था के तंत्र से दुनिया को अवगत कराने का एक अवसर है। इंटरपोल महासभा की बैठक में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हो रहे हैं। जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव जुर्गन स्टॉक भी कार्यक्रम में मौजूद रहने वाले हैं।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करने वाले हैं। ऑस्ट्रिया के विएना में 7 सितंबर 1923 को इंटरपोल की स्थापना हुई थी। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन को इंटरपोल के रूप में जाना जाता है। दुनियाभर के पुलिस नेटवर्क को जोड़ने वाला यह संगठन अपराध नियंत्रण पर काम करता है। इस बार इंटरपोल से 195 देश के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस नेटवर्क से जुड़े सभी देश अपने प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को इंटरपोल में डेपुटेशन पर भेजते हैं। 18 अक्टूबर से शुरू होने वाले और 21 अक्टूबर को समाप्त होने वाले इस कार्यक्रम में कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने से लेकर नार्को-टेरिरिज्म, भ्रष्टाचार, साइबर अपराध, ड्रग सिंडिकेट, फ्रॉड, लापता व्यक्तियों को ढूंढने और आतंकवाद के आपराधिक पैटर्न पर चर्चा होगी ताकि भविष्य में अपराधी के खिलाफ जांच करना आसान रहे।
पीएम मोदी ने की आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया को एक साथ आने की अपील
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