बांधवभूमि, शहडोल। आदिवासी वोट बैंक पर सियासत हुई तेज, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे है। वैसे वैसे कांग्रेस और बीजेपी जनता को साधने का हर संभव प्रयास कर रहे है। इसी कड़ी में दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता लगातार प्रदेश के हर जिले का दौरा कर रहे है। ताकि जानत का विश्वास हासिल कर सत्ता में वापसी कर सके। जिसको लेकर राहुल गांधी भी एक्शन मोड में आ गए है। बता दें कि 8 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी शहडोल के ब्यौहारी जिले के दौरे पर आने वाले है। जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है, यहां 8 विधानसभा सीट हैं, जिसमें से 7 विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि एकमात्र अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा सीट जनरल वर्ग के लिए है. आदिवासी बहुल क्षेत्र में सभी पार्टियों की नजर है, क्योंकि शहडोल के जिस ब्यौहारी में राहुल गांधी जनसभा करने जा रहे हैं, वहां से रीवा, सीधी, सिंगरौली भी नजदीक है. इसके अलावा शहडोल के बाजू से डिंडोरी और मंडला जो कि आदिवासी बहुल इलाका है यह भी करीब है, ऐसे में इस सभा का दूर तलक तक असर हो सकता है, जिसकी वजह से सभी पार्टियां शहडोल पर केंद्रित हो रही हैं और बड़ी-बड़ी जनसभाएं कर रही हैं और वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। यूं तो शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर यही शहडोल जिला देशभर में राजनीति का बड़ा अखाड़ा बनता नजर आ रहा है. शहडोल जिला आखिर राजनीति का बड़ा अड्डा क्यों बन रहा है, इसे ऐसे समझ सकते हैं अभी 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले में लालपुर मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था. साथ ही उसके बाद जिले के पकरिया गांव में आम के बगीचे में चौपाल लगाया था, जिसमें अलग-अलग समूह के लोग शामिल हुए थे और उनसे पीएम मोदी ने चर्चा की थी. फिर आदिवासी समाज के लोगों के साथ भोजन भी किया था, जिसने काफी सुर्खियां भी बटोरी थीं।
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