वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का सोमवार को लोकार्पण किया। लोकार्पण के बाद वह गंगा आरती देखने के लिए दशाश्वमेध घाट पहुंचे। घाट के सामने मौजूद क्रूज से उन्होंने आरती और लेजर शो देखा। इस दौरान उनके साथ क्रूज पर UP के CM योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी मौजूद थे। वह रविदास घाट से विवेकानंद क्रूज में सवार होकर दशाश्वमेध घाट पहुंचे। इससे पहले उन्होंने रविदास घाट पर संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मोदी ललिता घाट से अलकनंदा क्रूज के जरिए रविदास घाट पहुंचे थे। मोदी ने मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-पाठ की और मंदिर के निर्माण में शामिल मजदूरों के साथ खाना खाया। उन्होंने प्रोजेक्ट में काम करने वाले मजदूरों पर फूलों की बारिश कर उन्हें सम्मानित किया और सीढ़ी पर बैठकर फोटो खिंचाई। PM मोदी ने यहां धर्माचार्यों से भी बातचीत की । प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण शुभ मुहूर्त रेवती नक्षत्र में दोपहर 1.37 बजे से 1.57 बजे 20 मिनट तक किया। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बाबा विश्वनाथ को प्रणाम करने के साथ भोजपुरी में की। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ के चरणों में हम शीश नवावत हैं। माता अन्नपूर्णा के चरणन के बार-बार वंदन करत हैं। काशीवासियों के सहारे देश से मांगे 3 संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने काशीवासियों के साथ-साथ पूरे देश से 3 संकल्प भी मांगे। उन्होंने कहा, कि मैं हर भारतीय को भगवान का अंश मानता हूं, देश के लिए बाबा की पवित्र धरती से तीन संकल्प चाहता हूं। उन्होंने स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास जैसे 3 संकल्प मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने काशीवासियों के साथ-साथ पूरे देश से 3 संकल्प भी मांगे। उन्होंने कहा, कि मैं हर भारतीय को भगवान का अंश मानता हूं, देश के लिए बाबा की पवित्र धरती से तीन संकल्प चाहता हूं। उन्होंने स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास जैसे 3 संकल्प मांगे।
3 हजार वर्गफीट से 5 लाख वर्गफीट हुआ कैंपस
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गंगा उत्तरवाहिनी होकर विश्वनाथ के पांव पखारने आती हैं, वे भी बहुत प्रसन्न होंगी। विश्वनाथ धाम का पूरा होने से पहुंचना सुगम हो गया है। हमारे बुजुर्ग माता-पिता बोट से जेटी तक आएंगे, जेटी से एस्केलेटर है, वहां से मंदिर तक आएंगे। दर्शन के लिए घंटों तक का इंतजार और परेशानी अब कम होगी। पहले यहां मंदिर क्षेत्र केवल 3 हजार वर्गफीट में था, वह अब करीब 5 लाख वर्गफीट का हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गंगा उत्तरवाहिनी होकर विश्वनाथ के पांव पखारने आती हैं, वे भी बहुत प्रसन्न होंगी। विश्वनाथ धाम का पूरा होने से पहुंचना सुगम हो गया है। हमारे बुजुर्ग माता-पिता बोट से जेटी तक आएंगे, जेटी से एस्केलेटर है, वहां से मंदिर तक आएंगे। दर्शन के लिए घंटों तक का इंतजार और परेशानी अब कम होगी। पहले यहां मंदिर क्षेत्र केवल 3 हजार वर्गफीट में था, वह अब करीब 5 लाख वर्गफीट का हो गया है।
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