पीएम आवास के नाम पर मची लूट

पीएम आवास के नाम पर मची लूट
अचला मे ग्रामीणो ने रोजगार सहायक को घेरा, नाम काटने पर जताई नाराजगी
बांधवभूमि, उमरिया
शासन की महात्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना मे चल रही मनमानी और भ्रष्टाचार के चलते जिले भर के ग्रामीण अंचलों मे आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों के लिये यह योजना कमाई का जरिया बनी हुई है। जिनके द्वारा हितग्राहियों से खुलेआम पैसों की मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि पीएम आवास केवल उन्हीं को मिल रहा है, जो पंचायतों मे बैठे पदाधिकारियों की डिमाण्ड पूरी करते हंै। बाकी के नाम पात्रता सूची से ही बाहर कर दिये जाते हैं।
इस बात पर मचा बवाल
बीते दिनो करकेली जनपद की ग्राम पंचायत अचला मे जम कर बवाल हुआ। जानकारी के मुताबिक गौरव दिवस पर आयोजित ग्रामसभा के दौरान भारी संख्या मे स्थानीय ग्रामीण पंचायत भवन पहुंच गये और वहां बखेड़ा खड़ा कर दिया। इनमे कई महिलायें भी शामिल थीं, जिनका साफ कहना था कि रोजगार सहायक अमित साहू ने हितग्राहियों से 10-10 हजार रूपये की मांग की थी। पैसा नहीं देने पर सभी को अपात्र घोषित कर दिया गया है। बात बढ़ते देख नोडल अधिकारी रज्जन सिंह मे हस्ताक्षेप कर बीच-बचाव किया, तब जा कर बड़ी मुश्किल मे मामला शांत हुआ।
तीन-तीन साल से धक्के खा रहे पात्र
इस योजना मे हर तरफ धांधली के किस्से सामने आ रहे हैं। आलम यह है कि अति गरीब और पिछड़े ग्रामीणों, जिनके पास ठिकाने का खपरैल घर भी नहीं है, वे तो 3-3 साल से धक्के खा रहे हैं। जबकि नौकरी पेशा और समृद्ध परिवारों के पीएम आवास एक झटके मे ही स्वीकृत करवा दिये जा रहे हैं। ऐसी स्थिति मे जहां लोगों मे भारी असंतोष पनप रहा है, वहीं शासन की मंशा भी पूरी नहीं हो पा रही है।
जेब से लगानी पड़ रही रकम
मंहगाई ने गरीबों के सस्ते मकान का सपना धूमिल कर दिया है। जिस समय यह योजना शुरू हुई थी, तब लोहा, सीमेंट, ईटा, रेता आदि सभी सामग्रियों की कीमतें बेहद कम थीं परंतु अब इनके दाम कई गुना बढ़ गये हैं। जानकारों का मानना है कि सरकार द्वारा घर बनाने के लिये दी जाने वाली राशि से अब आधा मकान बनना भी दूभर हो रहा है। गरीबों को अपनी मजदूरी के अलावा करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा पैसा उधार हाल मे इंतजाम करके लगाना पड़ रहा है।
कहां से लायें कमीशन
ग्रामीणो का आरोप है कि पंचायतों मे बिना पैसा दिये पीएम आवास मिलना मुश्किल है। वे कहते हैं कि यदि पैसा ही होता तो वर्षो तक कीचड़ से भरे माहोल मे रहते ही क्यों। उनका साफ कहना है कि शासन योजना की देखरेख कर भ्रष्ट सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों द्वारा की जा रही कमीशनबाजी पर रोक लगाये।
कराई जायेगी जांच
पीएम आवास योजना के आवंटन मे यदि कोई अनियमितता हुई तो इसकी जांच करा कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
इला तिवारी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत, उमरिया

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