जयपुर। जयपुर के कोटखावदा में शुक्रवार को हुई किसान महापंचायत से एक बार फिर ये साफ हो गया कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट का टकराव खत्म नहीं हुआ है। अभी बहुत कुछ बाकी है। महापंचायत में सचिन पायलट ने 16 विधायकों को मंच पर बैठाया, भारी भीड़ जुटाकर कांग्रेस हाईकमान को जमीन पर अपनी पकड़ और ताकत का अहसास कराया।इस कार्यक्रम में अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और गहलोत खेमे के कई नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। बताया गया कि जयपुर में ही दोपहर 12 बजे सीएम का अपना कार्यक्रम था इसलिए वे नहीं आए। महापंचायत में पायलट समर्थक विधायक विश्वेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, रमेश मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, अमर सिंह जाटव, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, पीआर मीणा मौजूद रहे। पायलट समर्थक विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, रामनिवास गावड़िया और भंवरलाल शर्मा महापंचायत में नहीं पहुंच सके। महापंचायत में पहुंचे इन 14 विधायकों के अलावा 2 और विधायकों की मौजूदगी ने चौंका दिया। ये थे निवाई विधायक प्रशांत बैरवा और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह के पुत्र वीरेंद्र सिंह जो दांतारामगढ से विधायक हैं। ये जैसे ही पहुंचे तो पायलट समर्थकों ने इनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वजह ये कि बैरवा पहले पायलट खेमे में थे, लेकिन पिछले साल जुलाई में जो टकराव पायलट और गहलोत में हुआ, उस वक्त उन्होंने गहलोत का दामन थामा था। मंच पर उनकी मौजूदगी से सवाल ये उठा कि क्या वो फिर पायलट खेमे में लौट रहे हैं। जहां तक बात वीरेंद्र सिंह की है, तो पहले भी उनका झुकाव पायलट की तरफ ही रहा है।
Advertisements
Advertisements