नाले और नदी मे डूबे किशोर तथा पुलिस कर्मी को तलाशने मे जुटी टीमे
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के धनवाही और करहिया गांवों मे डूबे किशोर तथा पुलिसकर्मी का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। दोनो की तलाश मे ग्रामीणो के अलावा संबंधितों के परिजन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पसीना बहा रही हैं, परंतु फिलहाल दूर-दूर तक उनका निशान भी नहीं दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते 21 अगस्त को जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम धनवाही के नरसरहा नाला मे 11 वर्ष का किशोर साहिल पिता ज्ञान सिंह गोंड बह गया था। इसी दिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय मे पदस्थ आरक्षक प्रीतम बैगा चंदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करहिया मे डूब गया था।
पानी घटने का इंतजार
थाना कोतवाली के टीआई सुंदरेश मरावी ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणो के सहयोग से पुलिस और एसडीआरएफ की टीमे पूरे मनोयोग से बालक तथा पुलिसकर्मी की तलाश कर रही हैं। अब तक नरसरहा नाला और उमरार नदी के संगम से लेकर उमरार-महानदी के संगम तक का हर इलाका छान मारा गया है। इसके बावजूद सफलता नहीं मिल सकी है। उनके मुताबिक दोनो व्यक्ति नदी के अंदर की चट्टानो मे फंसे हुए हो सकते हैं। बीते दिनो हुई बारिश के कारण नदी-नालों मे बहाव के अलावा जलस्तर अभी भी काफी बढ़ा हुआ है। ऐसे मे अब पानी घटने का इंतजार किया जा रहा है।
आगे है बाणसागर डेम
जानकारों का मानना है कि डूबे युवकों की खोज इतनी आसान भी नहीं है। ये घटनायें उस समय हुई हैं, जब बारिश हो रही थी। इसके चलते नदी-नाले उफान पर थे। ऐसे मे यदि वे बह कर महानदी मे पहुंच गये होंगे तो आगे बाणसागर जलाशय लगा हुआ है। जिसमे अथाह जल मे ऐसे खतरनाक जीव मौजूद हैं, जो शवों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शव नहीं मिले तो बढ़ेगी परेशानी
हादसे को चार दिन बीत जाने के कारण पानी मे डूबे किशोर और पुलिसकर्मी के जीवित बचने की संभावनायें नगण्य है, परंतु आगे की कार्यवाही के लिये शवों की बरामदगी जरूरी है। कानून के अनुसार शव की शिनाख्त के बाद ही आश्रितों के राहत प्रकरण बनाये जा सकते हैं। वहीं पुलिसकर्मी के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति आदि भी इसके बगैर मिलना संभव नहीं है। कुल मिला कर दोनो परिवारों के लिये यह घटना दोहरी समस्यायें लेकर आई है।
पानी मे समाये युवक अब भी लापता
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