ईवीएम और वीवीपीएटी जागरूकता कैम्पेन मे लगे कर्मचारियों से सवाल पूंछ रहे लोग
बांधवभूमि, उमरिया
ईवीएम का बटन दबाने पर पर्ची तो सही निकल रही है, पर वोट भी सही जगह स्टोर हुआ, या नहीं, यह कैसे पता चलेगा। ऐसे कुछ सवाल उन कर्मचारियों को झेलने पड़ रहे हैं, जो
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन तथा वीवीपीएटी के अवेयरनेस कैम्पेन मे लगे हुए हैं। दरअसल
भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार ईवीएम एवं वीवीपीएटी अवेयरनेस कैंपेन गत 10 जुलाई से प्रारंभ किया गया है। इसके तहत जिले के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन मे दोनो मशीनो को स्थापित किया गया है, जहां तैनात कर्मचारी आने-जाने वाले लोगों को बटन दबवा कर जागरूक कर रहे हैं। बटने दबाते ही मशीन सक्रिय हो उठती है, और पंसदीदा व्यक्ति के नाम की पर्ची वीवीपीएटी से प्रदर्शित होने के बाद कट कर नीचे गिर जाती है। इसी दौरान कुछ लोगों ने सवाल किया कि पर्ची तो दिख रही है पर मशीन मे स्टोर हो रहा वोट मतादाता की पसंद के उम्मीदवार के खाते मे ही जुड़ा या नहीं, इसका पता कैसे चले। इस प्रश्न का जवाब तो कर्मचारी नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन यह कैम्पेन मतदाताओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से अपने विभिन्न कार्यो के लिये कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले लोगों का संकोच दूर कर उन्हे जागरूक जरूर कर रहा है।
कितने जायज हैं सवाल
गौरतलब है कि देश मे ईवीएम के जरिये मतदान की प्रक्रिया लागू होने के सांथ ही इसकी विश्वसनीयता पर सवाल भी उठने शुरू हो गये थे। वर्षो तक मतपत्रों पर अपने हाथों से सील ठोंक कर वोट डालने वाले नागरिकों के मन को ना तो पुरानी वाली फीलिंग कर आ रही थी ना ही तसल्ली। इसका कारण कि ईवीएम मे वह पारदर्शिता नहीं है, जो मतपत्रों से वोटिंग मे थी। हारने वाला विपक्ष भी इस पर लगातार हो हल्ला मचा ही रहा था। जिसे देखते हुए कुछ सालों बाद निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के सांथ वीवीपीएटी मशीन भी अटैच कर दी, ताकि लोगों को अपना वोट डिस्प्ले होता दिख सके।
पर्ची से नहीं होता फैंसला
जानकारों का मानना है कि हार जीत का फैंसला वीवीपीएटी की पर्ची से नहीं, ईवीएम मे दर्ज वोटों से होता है। इस पर संदेह होना इसलिये भी जायज है कि यह पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस द्वारा होती है। चुनाव आयोग बार-बार यह दावा करता है कि ईवीएम की टेम्परिंग नहीं की जा सकती। इस पर भी विशेषज्ञों का अपना मत है। इलेक्ट्रोनिक्स डिवाईस की समझ रखने वाले बताते हैं कि इस तरह के उपकरण मे क्या प्रोग्रामिंग की गई है, यह सिर्फ मेन्यूफेक्चर्स को ही पता होती है। अब इसमे से उन्होने आयोग को कितनी सुविधायें बताई हैं, आयोग भी उतना ही बता सकता है। लिहाजा इसमे कुछ भी असंभव नहीं है।
ईवीएम-वीवीपीएटी का प्रचार-प्रसार करें: कलेक्टर
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. कृष्ण देव त्रिपाठी ने बताया कि ईवीएम एवं वीवीपीएटी के अवेयरनेस कैंपन हेतु मशीनो का प्रदर्शन सेंटर कलेक्ट्रेट हाल मे स्थापित किया गया है। जिसके संचालन हेतु लालमणि प्रजापति राजस्व निरीक्षक, विवेक द्विवेदी सहायक वर्ग-3 महिला एवं बाल विकास विभाग एवं किशन बैगा भृत्य अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय बांधवगढ़ की ड्यूटी लगाई है। कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे जिला निर्वाचन कार्यालय से ईवीएम, वीवीपीएटी प्राप्त कर इनका प्रचार प्रसार सुनिश्चित करें। साथ ही वीवीपीएटी स्लिप को प्रतिदिन श्रेडिंग मशीन से विनष्टीेकरण करना सुनिश्चित करें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।