पन्ना में हीरों की तलाश में खत्म कर रहे जंगल

20 हजार लोग पेड़ों की जड़ें काटकर गड्‌ढे खोद रहे , 5 दिन में 15 हीरे मिले

पन्ना। मध्य प्रदेश का पन्ना जिला हीरे की खदानों के लिए मशहूर है, लेकिन अब ये रत्न ही इस क्षेत्र के जंगलों के लिए मुसीबत बन गया है। यहां सितंबर में हीरे तलाशने वालों की भीड़ बढ़ गई। यहां 20 हजार लोग हीरे की तलाश में अवैध रूप से खुदाई की जा रही है। इसके लिए पेड़ों की जड़ों तक को काटा जा रहा है।दरअसल, पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर है रूंझ नदी पर डैम बन रहा है। इसके लिए खुदाई की गई। इसमें निकली मिट्‌टी को लोगों ने छाना तो उन्हें कुछ हीरे मिले। बस यहीं से लोगों की उम्मीद जाग उठी और उन्होंने आसपास खुदाई शुरू कर दी।खबर फैली तो मध्य प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी हीरे तलाशने वाले पहुंचने लगे। अब ये लोग नदी के किनारे से आगे बढ़ते हुए जंगल तक पहुंच गए हैं। पिछले 3 दिनों में हीरा दफ्तर में उज्जवल किस्म के 15 हीरे जमा हुए हैं, जबकि इतने हीरे तो एक महीने में भी नहीं पहुंचते थे।
जिसे जहां जगह मिली वहां खोदे गड्ढे
जंगल में गड्‌ढे खोदने की होड़ मची दिखी। जिसे जहां जगह मिली वहीं खुदाई शुरू कर दी। तसला, छलनी, फावड़ा से जंगल पटा पड़ा है। कुछ गड्‌ढे तीन-चार फीट के हैं तो कुछ 10 फीट तक गहरे। लोगों ने कई पेड़ों की जड़ें खोखली कर दी हैं।
जंगल की खुदाई पर बोले कलेक्टर- जांच कराएंगे
हमने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा से बात की। उन्होंने कहा कि वन विभाग और राजस्व के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जांच कराई जाएगी। अगर क्षेत्र में अवैध उत्खनन हो रहा है तो वन विभाग, पुलिस एवं राजस्व के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करेंगे।विश्रामगंज के रेंजर जेपी मिश्रा ने बताया कि काफी संख्या में लोग जंगल की तरफ खनन में लगे हुए हैं। इसको लेकर आज (1 अक्टूबर) प्रदेश के कैबिनेट व खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह अध्यक्षता ने वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इसमे रुंझ नदी व विश्रामगंज रेंज के जंगली क्षेत्र में हीरे के अवैध उत्खनन पर चर्चा की गई।बैठक में निर्णय लिया गया कि रुंझ नदी व जंगल के क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए पन्ना और सिंहपुर-अजयगढ़ तरफ दो बैरियर लगाए जाएंगे। इसमें वन विभाग एवं पुलिस के कर्मचारियों को तैनात कर भीड़ को कंट्रोल किया जाएगा।
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