रात भर हो रही जंगल मे गस्त, दी जा रही लोगों को समझाइश
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर रेंज मे जंगली हाथियों के झुंड ने आतंक मचा दिया जिसकी वजह से सतना उमरिया रोड पर यातायात भी रोकना पड़ा। हालांकि कुछ घंटों बाद यातायात बहाल कर दिया गया। यहां अभी भी हाथियों का खतरा बना हुआ है। वन विभाग का अमला पूरी रात सक्रिय रहा और मंगलवार की सुबह से ही लोगों को समझाइश देना शुरू कर दिया गया था। देर शाम हाथियों ने ग्राम मझौली के खेतों मे पहुंचकर किसानों की फ सलों को नष्ट कर दिया। 20 से ज्यादा की संख्या मे यहां पहुंचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और काफी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के कारण यहां लोग में अफराा-तफरी मच गई है। हालाकि वन विभाग का अमला लोगों को और हाथियों को संभालने मे जुटा हुआ है।
खदेडऩे का काम कर रहे कर्मचारी
हाथियों के खतरे को देखते हुए पतोर रेंज मे बेहतर व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है। इस बारे मे जानकारी देते हुए फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि पतोर रेंजर द्वारा रात मे गश्त की व्यवस्था की गई है। रात मे अलग-अलग वाहनों से वन विभाग के कर्मचारी गांव मे पहुंचते हैं और ग्रामीणों के साथ गस्त करते हैं। ग्रामीणों के साथ वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को खदेडऩे का काम कर रहे हैं और किसी तरीके से फ सल और गांव को होने वाले नुकसान को बचाने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं पतोर रेंजर ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया है जिसके माध्यम से हाथियों के मूवमेंट की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचती है
यातायात रोकने लगाया बैरियर
बताया गया है कि हाथियों के खतरे को देखते हुए सतना उमरिया रोड का यातायात रोक दिया गया है। पनपथा मुख्य मार्ग पर बैरियर लगा दिए गए हैं और वाहनों को दूर रोक दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही खतरा कम होता दिखाई देगा वाहनों को निकलने दिया जाएगा। वाहनों को इसलिए रोक दिया गया है ताकि हाथी उन्हे नुकसान ना पहुंचा सके। हालांकि अभी हाथी मुख्य मार्ग से काफी दूरी पर है लेकिन ग्राम मझौली तक हाथी पहुंच गए हैं। जिसकी वजह से उनके कभी भी सड़क पर पहुंच जाने की आशंका बनी हुई है। इस क्षेत्र में पिछले काफी समय से जंगली हाथी सक्रिय हैं जिसकी वजह से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
झुंड मे बंटे हाथी
बताया गया है कि पिछले 3 सालों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे छत्तीसगढ़ और झारखंड से आए हुए हाथियों के कई झुंड बने हुए हैं। बांधवगढ़ मे 40 से ज्यादा जंगली हाथी सक्रिय हैं जो अलग-अलग झुंड मे अलग-अलग स्थानों पर घूमते रहते हैं। यह हाथी कई बार ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास पहुंच जाते हैं जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आ रहा है नया दल
बताया गया है कि हाथियों का एक और दल छत्तीसगढ़ से उमरिया की तरफ आ रहा है। इस दल मे 40 से ज्यादा हाथी हैं और इस दल के अलावा एक दूसरा 20 हाथियों का दल भी इस दल के पीछे -पीछे आ रहा है। हाथियों का यह दल अनूपपुर जिले से होता हुआ उमरिया जिले तक पहुंच सकता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि यह हाथी कोतमा से राजेंद्रग्राम की दिशा पकड़कर आगे बढ़ेंगे तो यह दल पुष्पराजगढ़ के जंगलों से होता हुआ उमरिया जिले के घुनघुटी तक पहुंच जाएगा। इस तरह यह एक नया खतरा सामने नजर आने लगा है।
पनपथा कोर रेंज मे जंगली हाथियों का आतंक
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