पढ़ने की आदत आत्म-विकास के सबसे प्रभावी साधनों मे से एक: राष्ट्रपति

हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पढ़ने के महत्व पर जोर देकर कहा कि पढ़ने की आदत आत्म-विकास के सबसे प्रभावी साधनों में से एक है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह एक ऐसा कौशल है जो जीवन भर छात्रों की सेवा करेगा। उन्होंने कहा कि यह इंटरनेट और सोशल मीडिया का युग है जब ध्यान देने की अवधि कम होती जा रही है और पात्रों में संचार सीमित है। उन्होंने छात्रों से अपनी समझ में सुधार करने और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए अधिक पढ़ने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा वह नींव है जिस पर किसी भी राष्ट्र का निर्माण होता है। यह प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी है। उन्होंने कहा मुझे यह जानकर खुशी हुई कि केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की गतिविधियाँ कई गुना बढ़ गई हैं 1940 में एक छोटे से स्कूल से नौ अलग-अलग कॉलेजों के साथ एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र जिसमें 11000 से अधिक छात्र नामांकित हैं। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह वृद्धि जस्टिस केशव राव कोराटकर के आदर्शों को श्रद्धांजलि है जिनकी स्मृति में समाज की स्थापना की गई है। उन्होंने रामजी गोंड तुर्रेबाज खान कोमाराम भीम सुरवरम प्रताप रेड्डी और शोयबुल्ला खान सहित हैदराबाद की मुक्ति के लिए लड़ने वाले बहादुर नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके मूल्य और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा तथा उनका सम्मान किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा जब हम आजादी का अमृत महोत्सव की ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तब हमारे लिए यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हमारी स्वतंत्रता केवल अतीत के दमनकारी शासकों से मुक्ति के बारे में नहीं है।

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