पंजाब में किसान पटरियों पर बैठे, 400 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही बाधित

चंडीगढ़। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के बाद किसान अब पंजाब में आंदोलन पर बैठ चुके हैं। लगातार चार दिनों से हजारों किसान सूबे में जगह-जगह पटरियों पर बैठे हुए हैं। किसान मंजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारी किसान कर्जमाफी, टोल टैक्स माफी और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन की वजह अभी तक 400 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 280 से अधिक ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा है। नॉर्दन रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन के सीपीआरओ नीरज शर्मा ने कहा, ”पिछले 24 घंटे में प्रदर्शन की वजह से 280 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है।जबकि पिछले चार दिनों में 400 से अधिक ट्रेनों पर असर पड़ा है।’ट्रेनों के शेड्यूल में बदलाव और रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए सभी स्टेशनों पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। हम यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए कम दूरी के स्टेशनों के बीच ट्रेनें चलाने की कोशिश कर रहे हैं।’ किसान सोमवार से फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर और होशियारपुर में अलग-अलग जगहों पर रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। बुधवार को उन्होंने अपने आंदोलन को मोगा और फाजिल्का रेलवे स्टेशन तक बढ़ा दिया। किसान संगठन के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि मांगें माने जाने तक किसान पटरियों से नहीं उठने वाले हैं।

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