पंचायत सचिवों को मिलेगा 7वां वेतनमान

लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री का ऐलान, रिटायरमेंट पर मिलेंगे 3 लाख रूपए

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत सचिवों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि पंचायत सचिवों को अब सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। उन्हें नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रिटायरमेंट होने पर तीन लाख रुपए एकमुश्त दिए जाएंगे। भोपाल के लाल परेड मैदान में गुरुवार को पंचायत सचिवों का सम्मेलन आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने लंबे समय से सरकार से खफा चल रहे पंचायत सचिवों की नाराजगी दूर करने के लिए कई घोषणाएं कीं। कार्यक्रम में पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, एसीएस पंचायत मलय श्रीवास्तव, शिव चौबे, रमेश शर्मा समेत पंचायत सचिव संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि हर महीने की 1 तारीख को वेतन मिल जाए। पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान का लाभ तत्काल प्रभाव से मिलेगा। समयमान वेतनमान भी दिया जाएगा। अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इसकी प्रक्रिया सरल की जाएगी। सेवानिवृत्त होने पर एकमुश्त तीन लाख रुपए दिए जाएंगे। पीसीओ (पंचायत समन्वय अधिकारी) के पदों पर नियुक्ति के समय 50 प्रतिशत आरक्षण ग्राम पंचायत सचिवों को दिया जाएगा। 5 लाख रुपए का दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा।
मिलेगी नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब पंचायत सचिवों का वेतनमान 500 रुपए था। इसे बढ़ाकर 1250 रुपए किया गया। दिग्गी राजा ने तो 500 रुपए में ही रखा था। जब अपने ही जीवन का ठिकाना नहीं, तो जनता की सेवा कहां से करेंगे। लिहाजा,पंचायत सचिवों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं देने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत सचिव पंचायत कार्यालय के प्रभारी हैं। सरकार और ग्राम पंचायत के बीच में वह सेतु का काम करते हैं। नदी पर पुल बन भी जाए, लेकिन एप्रोच रोड ना हो, तो वह पुल काम का नहीं होता। पंचायत सचिव भी अप्रोच रोड की तरह हैं। वह देश और प्रदेश की सरकार को गांव की सरकार से जोडऩे का काम करते हैं। निर्वाचित जनप्रतिनिधि बदलते हैं, लेकिन वह लगातार पंचायत में काम करते हैं, जिससे पंचायत में कामों की निरंतरता बनी रहती है।

गांवों में समरसता पैदा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार गांव-गांव में पंचायत चुनाव के कारण गुट बन जाते हैं। 5 साल केवल लड़ाई में ही निकल जाते हैं। कोशिश करना कि गांव में समरसता पैदा हो। मिलजुल कर रहें। भारत की आत्मा गांवों में बसती है। विकसित भारत के लिए गांव को साधन संपन्न और आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। पंचायत सचिव गांव के उत्थान की नींव है। सीएम ने कहा कि पंचायत सचिव कई महत्वपूर्ण काम करते हैं। आपके भरोसे ही केंद्र और राज्य सरकार की अनेकों योजनाओं को आदर्श रूप से क्रियान्वित किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में मध्यप्रदेश देश में लगभग पहले और दूसरे स्थान पर ही रहा है। नल-जल जैसी योजनाओं को भी लागू कराने में पंचायत सचिवों ने काम किया। कोविड की महामारी में भी आपने पीठ नहीं दिखाई।

दिवंगत पंचायत कर्मचारी को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत सचिव सम्मेलन में उन दो पंचायत सचिवों को भी श्रद्धांजलि दी जिनका असामयिक निधन हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि असमय दिवंगत कर्मचारी के परिवारों को दस-दस लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र शर्मा, निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, श्री बाल मुकुंद पाटीदार, श्री विनोद शर्मा श्री निरंजन जी के अलावा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव और पूरे प्रदेश से आए ग्राम पंचायत सचिव बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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